अनूपपुर (वायरलेस न्यूज़ ) श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तीर्थ निर्माण के लिये श्रीराम जन्मभूमि संपर्क महा अभियान न्यास द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर संपर्क महाअभियान चलाया जा रहा है। अनूपपुर जिले में भी श्रीराम जन्मभूमि संपर्क महा अभियान टोली के लोग गांव – गांव , घर -घर जा कर परिवारों से संपर्क कर रहे हैं। इस महा अभियान में लगे रामसेवकों को समर्पण के नित नये अनुभव हो रहे हैं। ऐसी ही एक घटना जिला अन्तर्गत जैतहरी में उस वक्त देखने को मिली जब एक छोटे से सब्जी विक्रेता ने अपने स्वर्गीय माता – पिता की राम भक्ति को याद करके एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये की बड़ी राशि रामसेवकों को श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिये समर्पित कर दी।
जनजातीय बहुल अनूपपुर जिले में जैतहरी जैसी छोटी सी पंचायत में बहुत संपन्नता नहीं है। इसके बावजूद लोग दस रुपये से लेकर अपनी क्षमतानुसार समर्पण कर रहे हैं। दूसरी ओर
कई अवसरों पर गांव , मोहल्ले के छोटे, गैर – नामचीन लोगों का बड़ा समर्पण बरबस ही ध्यानाकर्षण करता रहा है।
जैतहरी के मूल निवासी गोपाल राठौर के आह्वान पर रामसेवकों की एक छोटी टोली शनिवार को उनके निवास पर पहुँची। टोली के राकेश शुक्ला, विवेक बियाणी, हरिशंकर वर्मा के साथ अन्य लोगों को रामसेवकों के रुप में अपने घर पर आया देख गोपाल ने उनका भावभीना स्वागत् किया। उन्होंने एक पुरोहित को बुलवा कर भगवान श्रीराम की छोटी सी पूजा का आयोजन कर रामसेवकों के हाथों में अपने पिता महंत स्व रघुवर दास जी एवं माता स्व श्रीमती सियावती की याद में, उनके नाम पर एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये की राशि भगवान श्री राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिये समर्पित कर दिया।
गोपाल दास ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान बतलाया कि मेरे पिता वर्षों पहले भगवान श्री राम की शरण में अयोध्या जी जाकर सन्यासी हो गये थे। उनके भक्ति ,उनके सद्गुणों तथा समर्पण भाव को देखकर लोगों ने उन्हे महन्त की उपाधि दी थी। 2016 में अयोध्या में उन्होंने देह त्याग दिया था। उनका कण- कण भगवान श्री राम को समर्पित था। मैं भी उन्हीं का अंश हूँ । मेरा जीवन, मेरा सब कुछ भगवान श्री राम का है, मेरे पूज्य स्वर्गीय माता – पिता का आशीर्वाद है। ऐसे में
अब जब अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर बनने तथा उसके लिये रामसेवकों द्वारा निधि समर्पण हेतु संपर्क महाअभियान की जानकारी मुझे मिली तो मैं उनकी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा था। जब रामसेवक मेरे घर तक नहीं पहुँचे तो मैंने स्वयं स्थानीय रामसेवकों से संपर्क किया और माता – पिता के नाम पर श्री राम मन्दिर निर्माण के लिये यह छोटा सा समर्पण किया है।
गोपाल दास के एक पुत्र ,दो पुत्रियाँ हैं। सभी का अपना परिवार है। गोपाल सब्जी बेंचने का कार्य भी करते हैं। सब्जी बेंचने वाले एक छोटे से कृषक का श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के लिये निधि समर्पण का यह बड़ा भाव वहाँ उपस्थित सभी रामसेवकों की आंखे नम कर गया । यह एक संस्कारी पुत्र द्वारा अपने संत स्वरुप स्वर्गीय माता – पिता के नाम पर किया गया भावपूर्ण निधिसमर्पण माना जा रहा है।जिसकी मिसाल सालों – साल तक आने वाली पीढ़ियों के समक्ष दी जाती रहेगी।
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