कंजक्टिवाइटिस होने पर रखें स्वच्छता का ध्यान -डा. ओझा

मनेन्द्रगढ़. (वायरलेस न्यूज) जिला मुख्यालय समेत आसपास इन दिनों लोग कंजक्टिवाइटिस से परेशान हैं.कंजक्टिवाइटिस को आमतौर पर ‘आँख आना’ कहते है। यह एक प्रकार का संक्रमण होता है जिसके कारण आँखों में सूजन होती है। यह संक्रमण आँख की बाहरी परत और पलक की अंदरूनी सतह पर होती है। इसकी वजह से आँखे लाल, सूजनयुक्त, चिपचिपी (कीचड़युक्त) हो जाती है और उनमें बाल चुभने जैसी अनुभूति होती है।इस सम्बन्ध में चैनपुर में संचालित ए के नर्सिंग कालेज के संचालक डा. ए के ओझा ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस प्राय: एलर्जी या संक्रमण के द्वारा होता है। यह संक्रमण वायरल और बैक्टिरीयल दोनों प्रकार से हो सकता है।
डा. ओझा ने बताया कि बैक्टिरीयल कंफक्टिवाइटिस संक्रमण हमारी त्वचा या श्वसन प्रणाली से स्टाइफाइलोकोक्कल या स्ट्रेप्टोकोक्ल बैक्टेरीर से होता है। कीड़े, साफ-सफाई का ध्यान न रखना, अन्य लोगों के साथ शारीरिक संपर्क के कारण यह होता है।
वायरल कंजक्टिवाइटिस आमतौर पर जुकाम से जुड़े संक्रामक वायरस के कारण होता है। यह ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण वाले किसी व्यक्ति के खाँसी या छींकने के संपर्क से हो सकता है। इसमें कंजक्टिवाइटिस के अन्य लक्षणों के साथ ठंड, फ्लू या अन्य श्वसन संक्रमण के लक्षण भी हो सकते हैं। आमतौर पर यह एक आँख से शुरु होता है और कुछ दिनों में दूसरी आँख में भी फैल सकता है तथा इसमें आँख से पतला रिसाव होता है।
डा. ओझा ने बताया कि एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस उन लोगों को होता है जिन्हें मौसम के अनुसार एलर्जी होती है। ये जब किसी ऐसे पदार्थ के सम्पर्क में आते है जो उनकी आंखों में एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा करते हैं तो उन्हें एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस हो जाता है। यह आमतौर पर दोनों आँखों में होता है, इसमें आँखों में खुजली आँसु आना और सूजन जैसे लक्षण होते है। अक्सर यह एलर्जी के अन्य लक्षणों के साथ होता है जैसे नाक में खुजली, छींके आना या गले में खराश होना।
कंजक्टिवाइटिस से बचने के उपाय –डा. ओझा ने बताया कि
कंजक्टिवाइटिस संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है जो आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ऐसे में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के लोगों में संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है तथा उचित आहार न लेना कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होने का कारण है। इसके अतिरिक्त खराब जीवनशैली के कारण भी यह हो सकता है जैसे साफ-सफाई का ध्यान न रखना, गंदे हाथों से आँखों को रगड़ना, अन्य व्यक्ति का तौलिया, रूमाल या अन्य चीजों को उपयोग करना आदि। अत: अनुचित आहार एवं जीवनशैली के कारण भी कंजक्टिवाइटिस हो सकता है।
कंजक्टिवाइटिस होने पर प्रतिरक्षा को बढ़ाने और संक्रमण को रोकने वाले आहार का सेवन करना चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फलों और सब्जियों को खाना चाहिए।
-तौलिया और रूमाल जैसी चीजें किसी की भी प्रयोग न करें।अगर आप को बदलते मौसम में एलर्जी की शिकायत है तो इसके लिए पहले से ही एहतियात बरतें।कभी भी हाथों को धोये बिना आँखों को न छुएँ।यदि आप तैराकी करते है तो तैराकी करते समय पानी में बैक्टिरिया और अन्य सूक्ष्म जीवों से आँखों को बचाने के लिए तैराकी करने वाले चश्में पहने।सार्वजनिक स्थानों से आने के बाद हाथों को अच्छी प्रकार धोएँ।