बिलासपुर ( अमित मिश्रा संपादक वायरलेस न्यूज़) बसंत ऋतु के आगाज होने एवं गर्मी की दस्तक के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य में टेसू के फूल लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करने लगते है, पतझड़ में झड़ चुके पत्तों के बाद पेड़ों की डालियों में केवल केसरिया रंग के फूल ही दिखाई पड़ते हैं,यह फूल कुदरती सुंदरता को बढ़ा देती है।
टेसू के इन्ही फूलों से परम्परागत रंग तैयार कर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी होली खेली जाती है।
पलाश के हरे पेड़ों पर रक्तवर्णी फूल और कलियां जंगलों और सड़कों के दोनों ओर प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। पलाश के फूल से ही शीत ऋतु का विदाई माना जाता है।


छत्तीसगढ़ में आप जिस दिशा में चले जाइए जंगलों एवं सड़कों की सुंदरता देखती ही बनती है। चारों तरफ लालिमा की चादर ओढ़े नजर आती है। जिसका आनन्द आप बखूबी ले सकते है।
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