(वायरलेस न्यूज अमित मिश्रा संपादक) कटहल के बारे में बहुत सी जगह पढ़ा कि ये पेड़ अशुभ हैं इसे घर में नहीं लगाना चाहिए…..
आज एक बात बताऊँ उससे ही आप समझ सकते हैं कि ये वृक्ष मैंने बहुत सारे प्रतिभा संपन्न लोगों के आवास में है,फिर आप ही सोचिए अशुभ कैसे ??
इसे उदाहरण समझिए
ये पेड़ अशुभ नही है घर के पास ना लगाने का कारण ये है कि इस का फल भारी होता है जो आंधी आने पर चोट पहुंच सकती है दुसरा कारण ये है कि इस पर पक्षी बहुत आते है मकोड़े भी होते है और तीसरा ये कि इसकी जड़े फैलती हैं तो मकाम को कमजोर बना देती हैं औषधीय पौधा है…..
कटहल की सब्जी होती भी बहुत स्वादिष्ट है।अशुभ का कोई मतलब नहीं है….
इसके पेड़ के निचे ,गर्मी के दिनो मे बट बृक्ष से अधिक ठंड मिलती है….
यह पेड़ सबसे ज्यादा काम का है. साल भर पत्ते गिरते है, मतलब साल भर पत्ते का खाद मिलता है, फल बड़ा होता है तो फूड वैल्यू ज्यादा है, फल कच्चे से पका हुआ तक खाया जाता है, पका हुआ फल कोआ निकल ने के बाद जानवरो के खाने का होता है. पेड़ बड़ा होता है तो छाया देता है, लो मेंटेनेंस पेड़ है. शायद और कोई पेड़ ऐसा हो।
★कटहल एक उष्ण कटिबन्धीय फल है, जिसे शुष्क और नम, दोनों तरह की जलवायु में उगाया जा सकता है। हमारे देश में कटहल एक सदाबहार वृक्ष माना जाता है।
★कटहल के उत्पत्ति स्थान के बारे मे कोई ठोस जानकारी नही है, पर यह माना जाता है कि कटहल की उत्पत्ति पश्चिमी घाट के वर्षा वनों में हुई है. इसकी खेती कम ऊंचाई वाले स्थानो पर सम्पूर्ण भारत, श्रीलंका एवं दक्षिणी चीन में की जाती हैं। कटहल बंग्लादेश का राष्ट्रीय फल है।
★कटहल को शाकाहारियों का मांस भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी सब्जी का स्वाद मांस की तरह होता है, साथ ही सब्जी को बनाया भी बिल्कुल मांस की तरह ही जाता है, यही कारण है कि शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही लोग कटहल कि सब्जी को खाना पसंद करते है ।
◆पोषक तत्वों से भरपूर पके कटहल विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियम और डायट्री फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
● पाचन के लिए अच्छा …
● ब्लड शुगर कम करे …
● कैंसर को रोकता है …
● रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है …
● एलर्जी …
● हाई शुगर कंटेंट …
● दस्त की समस्या
★कटहल के साथ दूध या अन्य डेयरी उत्पाद नहीं लेना चाहिए। दरअसल, कटहल में ऑक्सालेट होता है जो डेयरी उत्पादों में मौजूद कैल्शियम के साथ प्रतिक्रिया करता है। इससे पेट खराब होने के अलावा त्वचा पर सफेद दाग, खुजली, एक्जिमा हो सकता है।
★ पके कटहल खाने के बाद पान नही खाना चाहिए ।।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए किसी भी प्रयोग के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले ।।
दक्षिण भारत में कटहल का भोग लगाया जाता है , बहुत ही श्रेष्ठ फल मानते हैं, बहुत शौक से खाते हैं….
शायद बिहार और उड़ीसा में भी……
बाल्मीकि रामायण मे कटहल की चर्चा पनस नाम से आती है और साधु संत जो जंगल मे निवास करते थे उनका यह प्रिय फल था। कटहल को ओडिशा में पणस कहते है।आन्ध्र पॖदेश एवं तेलंगाना में पनसा पण्डू के नाम से जानते हैं।
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