“हो हो भइया पानी दो,पानी दो गुड़घानी दो,अंकुर फुटे खेत में”
(वर्षा महोत्सव,काव्य भारती की संगीतमय प्रस्तुति इसके संरक्षक की ज़रूरत -पं गिरधर शर्मा)
बिलासपुर । (वायरलेस न्यूज) काव्य भारती के संस्थापक एवं विख्यात रंगकर्मी मनीष दत्त की परम्परा का निर्वाह करते हुये काव्य भारती द्वारा वर्षा महोत्सव गीत संगीत नृत्य का भव्य आयोजन विकास नगर कार्यालय बाजपेयी परिषद में पं गिरधर शर्मा साहित्यकार,राष्ट्रीय कथा वाचक के मुख्य अतिथि,चन्द्र प्रकाश बाजपेयी पूर्व विधायक अध्यक्ष काव्य भारती की अध्यक्षता एवं डॉ विजय कुमार सिन्हा महासचिव काव्य भारती एवं डॉ अजय पाठक अभा कवि एवं श्रीमती भारती भट्टाचार्य संरक्षक सदस्य काव्य भारती के विशिष्ट अतिथि में सोत्साह सम्पन्न हुआ । प्रमुख अतिथि पं गिरधर शर्मा ने सावन गीत देखो झूम कर सावन आया है सावन आया है सुनाते हुये कहा कि मनीष दत्त द्वारा काव्य संगीत के माध्यम से काव्य भारती को पहचान दिलाये जाने की प्रसंशा करते हुये कहा इसके संरक्षक संवर्धन करके ही मनीष दत्त को श्रद्धांजलि दी जा सकती है । इस कार्य में संस्था के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश बाजपेयी आगे बढ़े मेरा सदैव आशीष रहेगा ।डॉ अजय पाठक ने मनीष दत्त को युग पुरुष बताते हुये उनपर शोध किये जाने की आवश्कता बतलाई ।
अध्यक्षीय आसंदी से पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने कहा कि कारोना क़ाल में काव्य भारती की गतिविधियों में आवश्यक अवरोध जरुर हुआ लेकिन इस एतिहासिक परम्परा को प्रोन्नत करने के लिये संस्था प्रतिबद्ध है । उन्होंने बतलाया। इस वर्ष काव्य भारती ने गीत,संगीत,नृत्य,नाटिका का आयोजन कर मनीष दत्त पुरस्कार का भव्य आयोजन किया गया था ।
स्वागत भाषण देते हुये संस्था के महासचिव वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विजय कुमार सिन्हा ने पावस प्रसंग पर ऐसे आयोजन की सार्थकता सिद्ध करते हुये काव्य भारती की उपदेयता पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि बहुत से लोग लम्बी बातें करते थे लेकिन आज जिस सहजता सरलता तनमन से बाजपेयी परिवार का समर्पण संस्था कभी भूल नहीं सकती ।
काव्य भारती द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले”वर्षा-महोत्सव”समारोह संस्थापक मनीष दत्त की स्मृति में सम्पन्न हुआ । प्रारम्भ में उनके चित्र पर माल्यापर्ण,पूजन,अर्चन कर पं गिरधर शर्मा,डॉ विजय सिन्हा,डॉ अजय पाठक,श्रीमती भारती भट्टाचार्य,चन्द्र प्रकाश बाजपेयी, ने श्रद्धांजलि दी ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ भोजली गीत दृष्टि बाधक भाई,बहन पूजा सूर्यवंशी एवं पृथ्वी राज के गायन देवी गंगा से प्रारम्भ हुआ,नन्हे कलाकार प्रिया,पंजना ने करमा एवं सृष्टि गोस्वामी,आरुषि केवट ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया । वर्षा महोत्सव का संगीतमय प्रस्तुति कार्यक्रम संयोजक डॉ सुप्रिया भारतीयन,डॉ रत्ना मिश्रा,सविता कुशवाहा,रीना पाल,अद्वैत भारत.कान्हा सोनी,एस भारतीयन,कृष्णा,अभ्युदय,युवराज,संजना,इप्शीता मुखर्जी ने वर्षा रितु पर आधारित काव्यभारती के प्रसिद्ध काव्यों की संगीत मयी प्रस्तुति करके कार्यक्रम को ऊँचाई दी ।
वर्षा गीत प्रस्तुति में गोपाल दास नीरज का गीत “हो हो भईया पानी दो पानी दो गुड़घानी दो,अंकुर फूटे खेत में,महादेवी वर्मा कहाँ से आये बादल काले कजरारे मतवाले ,डॉ अजय पाठक चमकती है कहीं बिजली,गिरा है झूम कर सावन । अकेला हो गया मन,शिवमंगल सिंग सुमन हम तुमबहुत पुराने साथी धरती के मधुवन में,सुमित्रानंद पंत बना मधुर मेरा जीवन,हरिवंशराय बच्चन घन बरसे गीत नया बनके,श्रीकांत वर्मा देखो माली मुझे ना तोड़ो मुझे ना तोड़ो,मेरे मन सावन बन,नागार्जुन अपकी मैने जी भर देखी,बदली सुनहरी फसलों की मुस्कान बहुत दिनो के बाद सियाराम सक्सेना आदि कवियों की प्रस्तुति देकर मन प्रफ़ुल्लित कर दिया ।अतिथियों का स्वागत रोचना तिलक लगाकर किया गया कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश बाजपेयी एवं आभार कार्यालय सचिव गौरव गुलहरे ने किया । कार्यक्रम की सभी ने सराहना की ।
इस अवसर पर जिन लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही उनमे सर्वश्री पं गिरधर शर्मा,डॉ विजय सिन्हा,डॉ अजय पाठक.चन्द्र प्रकाश बाजपेयी,,भारतीय भट्टाचार्य,महेश श्रीवास,डॉ मंतराम यादव,डॉ प्रभाकर पांडेय,प्रफुल शर्मा,राजीवनयन शर्मा,जे पी सिंग,योगेश तिवारी,देवेंद्र बाजपेयी,रेखेंद्र तिवारी,दिलीप तिवारी,भूनेश्वर चन्द्राकर,संधिया शुक्ला,डॉ उषा किरण बाजपेयी,,डॉ सुप्रिया भारतीयन,डॉ रत्ना मिश्रा,एस विश्वनाथ राव,सविता कुशवाहा,रीना पाल,,अद्वैत भारत,कान्हा सोनी,अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी,गौरव गुलहरे,अद्वैत भारत.अभ्युदय, त्रिवेणी भोई,इंदिरा चौधरी,चन्द्र शेखर बाजपेयी,मीनू बाजपेयी.मनोज सिंह,पंकज चौहान,एस के दत्ता,सुरेन्द्र वर्मा,रघुनाथ भट्टाचार्य,राम नारायण पटेल,राजा शुक्ला,मोहनजीत कौर,चन्द्र शेखर बाजपेयी,शेलेश सिंह चौहान,सूर्य प्रताप,चन्द्र शेखर देवांगन तबले में संगत एस भारतीयन ने दिया । काव्य भारती के अतिथियों सहित सभी कला साहित्य साधकों ने मनीष दत्त के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई । सभी अतिथियों,कलाकारों को सम्मानित किया गया ।
काव्य भारती कला एवं संगीत मंडल छगती के प्रसिद्ध काव्यों की संगीत मयी प्रस्तुति का यह 24 वाँ वर्ष है जिसे उपस्थित जनो ने सराहना की ।
समापन अवसर पर विशेष रूप से कार्यक्रम के बीच शिक्षाविद प्रफुल्ल शर्मा ने पहुँचकर मनीष दत्त को बिलासपुर की पहचान बताते हुये कहा कि उन्होंने कलात्मक प्रतिभा के सहारे काव्य भारती को अखिल*भारतीय स्तर पर प्रतिष्ठा दी है संस्कृति विभाग से चर्चा कर उनके कार्यों को संरक्षित करने का प्रयास करूँगा।
प्रति,दैनिक पत्रकार प्रकाशनार्थ हेतु
(चन्द्र प्रकाश बाजपेयी पूर्वविधायक)
अध्यक्ष काव्य भारती कला संगीत मंडल
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