*ज्योति के नापाक रिश्ते*

– *डॉ शाहिद अली*

(वायरलेस न्यूज़ नेटवर्क)

आपरेशन सिंदूर की सफलता के साथ भारत में पाकिस्तान की जासूस ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्त में लेना एक बड़ी घटना है। ज्योति मल्होत्रा के साथ जासूसी से जुड़े 12 अन्य लोगों को भी हिरासत में ले लिया गया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत में आतंकवादी घटनाओं से जैसे-जैसे पर्दा उठ रहा है उसमें जासूसी के नापाक रिश्ते को पकड़ना बड़ी सफलता है। हालांकि यूट्यूबर ज्योति के खूबसूरत चेहरे के पीछे खतरनाक मनसूबों का खुलासा होना बाकी है लेकिन यह चिंता का विषय है कि सोशल मीडिया की आड़ में भारत की गोपनीय और सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाक के हाथों तक जा रही थी। इससे भारत की सैन्य कार्रवाइयों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए बड़े खतरे का संकेत मिला है। इस ख़तरे को समय रहते पहचान कर ज्योति मल्होत्रा का पकड़ा जाना हमें चौकन्ना करता है।
सोशल मीडिया के सबसे बड़े टूल यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम को औजार बनाकर ज्योति मल्होत्रा ने राष्ट्रद्रोह का घिनौना कृत्य कारित किया है। जासूसी के इस कृत्य में जब तक सारे खुलासे और इस नापाक रिश्ते के गुनहगारों की गिरफ्तारियां नहीं हो जाती हैं तब तक ये कहना कठिन होगा कि इससे कितना नुक़सान भारत को हुआ है। लेकिन यह बात साफ़ है कि भारत में हो रहे आतंकी हमलों में पाक जासूसों के नकाब उतरने लगे हैं। आईएसआई की खतरनाक गतिविधियों से ज्योति के संपर्कों की कड़ियां अब एनआईए खोल रही है। आईएसआई एजेंट अली हसन के साथ ज्योति के चैट से कई बड़े राज सामने आ सकते हैं। एनआईए की पूछताछ में ज्योति मल्होत्रा के द्वारा स्वर्ण मंदिर और पंजाब के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के साथ साथ कश्मीर के पर्यटक स्थलों की लोकेशन सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से शेयर करने के सबूत मिले हैं। पाक दूतावास से ज्योति मल्होत्रा के गहरे संबंधों और अपने ट्रेवल ब्लॉग पर पोस्ट ट्रिप की स्टोरीज ने इस संदेह को मजबूत किया है कि ज्योति का ये सारा काम दरअसल पाक खुफिया एजेंसियों के मिशन का एक हिस्सा था। ज्योति मल्होत्रा की पाक दूतावास के अधिकारी दानिश से दोस्ती और आइएसआई से नजदीकियां तथा विदेश यात्राएं इतना बताने के लिए काफी है कि दाल में कुछ काला है। ज्योति के डिलीट चैट रिकवर होने पर जासूसी से जुड़े बड़े खुलासे संभव हैं।
एनआईए के लिए बड़ी चुनौती होगी आतंकी संगठनों से ज्योति मल्होत्रा जैसे जासूसी संपर्कों के ताने-बाने को दबोचना। ज्योति के खूबसूरत मायाजाल में जासूसी के ढेरों राज़ अभी सामने आएंगे। बाघा बॉर्डर और पाकिस्तान में ज्योति की रहस्यमयी यात्राएं अभी सवालों के घेरे में है।
ज्योति के कब्जे से जो वीडियो मिले हैं उससे भी ये पता चलता है कि वो लंबे समय से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रही थी। ज्योति की डायरी भी बहुत कुछ कह रही है। ज्योति से पूछताछ में पुलिस के अलावा आईबी, एनआईए और भारतीय सैन्य अधिकारियों की टीम लगातार पिछले पांच दिनों से जुटी हुई है। जासूसी के ऐसे भी डिजिटल सबूत जांच एजेंसियों को हाथ लग रहे हैं जिसमें फर्जी ढंग से पाकिस्तानियों के नाम सेव हैं इन लोगों से ज्योति मल्होत्रा लगातार संपर्कों में थी। ज्योति मल्होत्रा बातचीत के लिए एंक्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती रही है। ऐसी तकनीक जो किसी एप्स मैसेज या कॉल को कोड में बदलकर काम करता है। इसके मैसेज थोड़े देर बाद आटोमेटिक डिलीट हो जाते हैं। ज्योति मल्होत्रा के ऐसे गोपनीय मैसेज संदिग्ध गतिविधियों को जन्म देते हैं।
भारत और पाक के बीच हाल ही मे बनीं तनावपूर्ण परिस्थितियों में ज्योति मल्होत्रा के जासूसी संपर्कों का खुलासा बेहद जरूरी है। यह भी जरूरी है कि सोशल मीडिया पर एक्टिव जासूसी गतिविधियों पर भी नज़र रखना होगी।
दिखने में भोली सी सूरत लेकिन बेहद चालाक ज्योति मल्होत्रा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ब्लॉग पर फालोवर्स की संख्या लाखों में है जिसका एकाउंट अब जांच के बाद बंद कर दिया गया है। ज्योति मल्होत्रा के संपर्कों का नेटवर्क का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह बंगाल के कोलकाता, बैरकपुर, नदिया और चिकन नेक तक उसका कनेक्शन अपनी गतिविधियों को अंज़ाम देने के लिए इस्तेमाल करती थी। ज्योति की जासूसी के नापाक रिश्ते कहां फैले हैं और इस जासूसी कांड में बहुत सी ख़ुफ़िया जानकारी आना अभी बाकी है लेकिन हमें ऐसे राष्ट्रद्रोहियों से हर पल सतर्क रहने की जरूरत है।

( *लेखक सुप्रसिद्ध मीडिया शिक्षाविद् हैं )*
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