“75 साल की शाल ओढ़ ली तो किनारे हो जाना चाहिए” पर फिर छाया सियासी तूफान….!
राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति में देर के पीछे की कहानी नागपुर का दबाव है। RSS मोहन भागवत के बयांन “75 साल की शाल ओढ़ ली तो किनारे हो जाना चाहिए” पर फिर छाया सियासी तूफान अभी भी नागपुर चाहता है कि नम्बर वन और टू के जानी दुश्मन संजय जोशी अध्यक्ष बनें लेकिन चाणक्य नहीं चाहता है कि जोशी बनें। वन और टू इसके तोड़ में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर को जोड़ रहे हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि यदि आर एस एस से ही बनाना चाहते हैं तो खट्टर क्या बुरा है ,इन्हीं के सर पर ताज धर दो?
इस पर भी उनकी सहमति नहीं बन पा रही है बल्कि इससे एक कदम आगे नागपुर का कहना है कि यदि अध्यक्ष नहीं तो अगला सर संघ चालक जोशी को बना देंगे! अब क्या करोगे भाजपा और आर एस एस दोनों हांकेंगे गाड़ी फिर उसके बाद…?
प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार अब ठन्डे बस्ते में चला गया है,लोग ये अब कन्फर्म मानने लगे हैं ?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वर्तमान में जिन नये-पुराने विधायकों के नाम चल रहे हैं, उन पर मुहर क्यों नहीं लग पा रही है? इस सवाल के पीछे बिलासपुर के नेता का नाम तो नाम तो नहीं है! जबकि काम और रणनीति उनका अच्छा ही है,साथ ही मुखिया की पसंद , अब बचे जिन संभावित मंत्री में से एक को राज्य के बड़े नेता ने बंगले में बुलाकर समझाईश दी की आप का आगे समय है। अभी इन्हें बनने दो। फिलहाल यदि बनना ही चाहते हो तो विधानसभा उपाध्यक्ष पद लेकर बैठ जाओ ,ऊपर से दबाव मत लगाओ! इस पर वे कोई जवाब नहीं देकर अपने और सामने वाले को भी खुश कर वापस चले गए ।सामने वाला सोच लिया की नेता जी मेरी बात मान गए ,बाहर निकलकर बताए कि अब आपका समय नहीं रहा… ? अब उम्मीद पर उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद नवरात्रि के समय उनका समय आ जाय….?
मुख्यसचिव की नियुक्ति में रोड़े बने दत्तक आईएएस पुत्र…
छत्तीसगढ़ के मुख्यसचिव अमिताभ जैन रिटायर कर गए और दो नाम पर सहमति नहीं बनने के चलते उन्हें तीन माह का एक्सटेंशन दे दिया गया लेकिन जोड़-तोड़ में लगे कद्दावर नेता और दत्तक आईएएस पुत्र नेता मंत्री दोनों प्रदेश चलाने के लिए जो जोड़-तोड़ या गुणा-भाग कर बैठे रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल कर रहे हैं वैसा ही रिमोट कंट्रोल मुख्य सचिव कंट्रोल करने में लगे हुए हैं,जबकि दावेदारी किसी और की बनती है।वो जब आयेगा तो आई ए एस मंत्री को सर जो बोलना पड़ेगा। वो चाहते हैं कि मुझे लोग सर कहें और दोनों सीनियर-जूनियर की दुकान भी चले ,एक में सफल और दूसरे के लिए प्रयासरत । 15 सालों की भूख जो अभी भी मिटी नहीं है…?
बंगाल ओड़िसा की राह पर सिम्स ..
बंगाल ओड़िसा के मेडिकल कॉलेज में महिला यौन उत्पीड़न के चलते छात्राओं की मौत ने देश भर को झकझोर कर रख दिया क्योंकि वहाँ की सरकार यौन उत्पीड़ित छात्राओं की नहीं सुनी और परिणाम सामने आया। ठीक उसी तर्ज पर बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज में अभी यही सब चल रहा है ।यहाँ की छात्राएं सालों से अपनी शिकायतें जिला तथा राज्य प्रशासन के अधिकारियों, सचिवों को कर चुकी हैं लेकिन कभी भी इनकी सुनवाई नहीं हुई और जब हुई तो भी उन डॉक्टरों का कुछ समय के लिए तबादला कर दिया गया लेकिन एक एक कर पुनः अपनी जगह पर वापस पहुँच गये और धनबल से मामला सुलटा लिया गया। इन पर यौन उत्पीड़न की शिकायत हो चुकी है और डॉक्टर उनको परीक्षा में फेल करने की धमकी देते रहते हैं। वैसे ही एक महिला स्टॉफ को यहाँ के डॉक्टर इतना तंग कर चुके हैं को वो जिसकी शिकायत भी करने को मजबूर हो गयी किंतु इसके बाद वे हथियार उनके ही आगे डालकर हाथ खड़े कर चुकी हैं। डॉक्टर आज भी अपनी कुर्सी पर जमकर बैठा हुआ है। सरकार जागे नहीं तो यहाँ भी कोई बड़ा हादसा होंना तय है और सरकार को यहाँ की जनता को मुंह दिखाते नहीं बनेगा…..।
स्मृति ईरानी क्या भाजपा को टाटा बाय बाय कह दिया?
स्मृति ईरानी जहाँ से आई थी वहीं वापस पहुँच गई, क्या कारण है ईरानी का क्या भाजपा से मोहभंग हो गया है एक समय भाजपा की चेहरा रही है उसे सुषमा स्वराज के बाद मास लीडर के तोर पर देख रही थी मोदी की खास रहने के बाद भी ऐसा क्या हुआ की मोदी जी भी रोक नही पाए इसके पीछे चाणक्य अमित शाह तो नहीं? आने वाले समय में महिला बिल के चलते संसद में महिलाओ की संख्या बल बड़ेगी! कहीं महिला प्रधान मंत्री की मांग तेज न हो जाए ये कारण तो नहीं…
कोरबा के बड़बोले नेता का विवादों से पुराना नाता…
राज्यपाल के दौरों के दौरान पुराने भाजपा के आदिवासी नेता ने मिलने क्या गए बड़बोले नेता को रास नहीं आई और उस पर एक सोशल मिडिया पर एक फोटो पोस्ट तान दी की वरिष्ठ नेता का अनुनय बिनय करते हुए अच्छा नहीं लगा अपमान किया गया इसपर क्लेकटर महोकहा ने पोस्ट डिलीट करने नोटिस दिया बड़बोले नेता ने सख्त लहजे में पलटवार करते हुए कह दिया की मै कलेक्टर का चपरासी नही हूँ जो उनका आदेश को सुनु सीमा मे रहे अधिकारी तो आते जाते रहते हैं मुझे तो यही रहना है , अब देखना है कि साहब सामाजिक वैमनस्य तक लेकर जाएं …?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे…..
पंक्ति को चरितार्थ किया है एक पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ने हाल ही मे शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण के कार्य में शामिल रहे उस दोरान टीचरों की बड़े पैमाने पर मूल स्थान से हटा स्थानांतरित किया, और मैंने सही तरीके से टीचरों का तबादला किया है उसकी गुणगान वीडियो मीडिया को प्रसारित किया करते थे अब वही अधिकारी अपने ही स्थानातरण को गलत बता न्यायालीन की शरण में चले गए हैं,अब शिक्षक कह रहे हैं युक्तियुक्तकरण के दोरान शिक्षकों के साथ जमकर किया था दुर्ब्यहार अब उन्ही मिली है “कर्मों की सजा “इनका मूल पद प्राचार्य है प्रशासन द्वारा डीईओ से हटाया जाना रास नहीं आ रहा है जबकि सहायक संचालक के पद पर बैठाया है उसके बाद भी स्कूलों में जाकर उपदेश देने वाले महोदय संतुष्ट नहीं है
और अंत में…
एक बार मौका मिला तो इजराइल जरूर जाऊंगा और देखूंगा कि वहां की मिट्टी में ऐसा क्या है जो वहां गद्दार पैदा नहीं होते!
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