जगदलपुर 23 सितम्बर 2020 वायरलेस न्यूज अरुण पाढ़ी /
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक श्री संतोष बाफना जी ने काॅग्रेस पार्टी के चुनावी जनघोषणा पत्र के अनुसार प्रदेशभर के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित करने की मांग उठाते हुए प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री माननीय श्री टी.एस. सिंहदेव जी को पत्र लिखकर हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों की इस मांग को जायज ठहराते हुए कहा है कि, विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान आपके ही नेतृत्व में चुनावी जनघोषणा पत्र के माध्यम से प्रदेशभर के सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया गया था। यह बात मुझे इस पत्र के माध्यम से इसलिए याद दिलानी पड़ रही है कि, अब जबकि राज्य में काॅग्रेस पार्टी की सरकार बने हुए लगभग 2 वर्ष पूर्ण होने को है और अब तक इस संबंध में आपकी सरकार ने अनियमित कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की कोई प्रक्रिया प्रारंभ तक नही की है।

गौरतलब है कि, नियमितीकरण की अपनी जायज मांग को लेकर पूरे प्रदेश में सभी एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी स्पष्ट रूप से मांग है कि, स्थाई स्वास्थ्य कर्मियों की तरह समान कार्य के लिए उन्हें भी समान वेतन दिया जाए और उनकी सेवाएं भी स्थाई की जाए, जो कि निश्चित तौर पर शत्-प्रतिशत् जायज मांग है।

सबसे बड़ी विडम्बना तो यह है कि, सत्ता के सिंहासन तक काॅग्रेस पार्टी को पहुॅचाने वाले कर्मचारियों की भूमिका को आपकी सरकार ने भूला दिया है। इसका स्पष्ट उदाहरण यह है कि, अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए एनएचएम कर्मचारियों से बात करना तो दूर की कौड़ी, बल्कि अब स्वास्थ्य विभाग अपने कर्मियों पर अनुशासनहीनता व सेवा शर्तों के उल्लंघन करने का आरोप लगाकर उनकी सेवाएं समाप्त कर रहा है।

जबकि सरकार को स्वास्थ्य कर्मियों को बुलकर उनसे चर्चा करनी चाहिए थी और इस कोरोना महामारी के दौर में बीच का कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने तो कड़े तेवर दिखाकर एस्मा कानून का हवाला देते हुए उनका रोजगार छीनना ही प्रारंभ कर दिया है।

पूर्व विधायक श्री बाफना ने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है कि अपने किए हुए वादे से पीछे न हटकर प्रदेशभर के सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित करने के साथ अन्य विभागों के संविदा कर्मचारियों को भी नियमित करने की कार्यवाही पर पहल करने का कष्ट करें। और इस हड़ताल के दौरान जितने भी स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने संबंधि आदेश जारी हुए हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए पूरे सम्मान के साथ पुनः उनकी सेवा बहाली करने के आदेश भी जारी किये जाए। ताकि इस कोरोना महामारी के दौरा स्वास्थ्य व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके।