*चश्मा लगाएं, दिखेगी वोट की चोरी*

केशव शुक्ला

——————————————–
मित्रों, मैं आप सबको चेतावनी दे रहा हूँ कि आप खतरे में है।आपका सब कुछ यहाँ तक कि आपका अस्तित्व तक बचना मुश्किल है।चोर, गुंडे,बदमाशों की नज़र आप पर है।यदि आपको कुछ दिखाई नहीं दे रहा है तो विपक्ष से चश्मा ले लें,वो मुफ्त बांट रहे हैं।उस चश्मा को लगाने पर पुर्जा-पुर्जा मशीन तक का दिखाई देगा।

यह चश्मा यूके से आया है।इसे राजनैतिक वैज्ञानिकों ने खोजा है।इस चश्मे से वे हर देश में घर बैठे झाँक लेते हैं।एक समझौते के तहत वही चश्मा विपक्ष को मिल गया है।इस चश्मे का सबसे पहले प्रयोग मशीन पर किया गया है जिससे पता चला कि वोट चोरी हो गए हैं।बिहार में भी चोरी होने वाली है इसीलिए यह चश्मा सब्सिडी पर मंगाया गया है।

मित्रों,बात सिर्फ वोट की नहीं है,हमारे गणतंत्र,लोकतंत्र की भी है।इस वोट की चोरी से गणतंत्र , लोकतंत्र भी चोरी चला जाएगा।एक बार यह चोरी हुआ तो फिर ढूंढते रह जाओगे।मेरे लिए तो खतरा और भी ज्यादा है क्योंकि घर में श्रीमती जी भी विपक्षी दल के किसी से इस चश्में का जुगाड़ कर ली है।इससे मेरी जेब को तो वह देख ही लेती है,हार्ट का भी एक्सरे कर लेती है,अपनी जगह है या किसी को दे आये।सुना हूँ कि छुटभैये चश्मे की काला बाजारी कर रहे हैं इसीलिए आम जनता को वितरण के लिए आये चश्मे बाजार से गायब हो गए हैं।हायर एप्रोच पर इसे प्राप्त किया जा सकता है।
वोटों का चोरी होना बताता है कि आपका कुछ भी सुरक्षित नहीं है।यह सिर्फ विपक्ष ही बता सकता है क्योंकि उसके पास चश्मा है वरना आपका बाप भी यह पता नहीं लगा सकता कि वोटों की चोरी आपके आंख के सामने हो गयी और आप समझ रहें ट्रम्प टैरिफ का असर वोटों पर हैं।आप गदगद हैं कि आर्थिक हालात ट्रम्प साहेब की सनक और टैरिफ भार से ग्रस्त होने पर भी अपने बेहतर नजर आ रहे हैं।विपक्ष वालों को इसीलिए शून्य नजर आ जाता है क्योंकि उनके पास चश्मा है।
अब यह मत पूछना भाई आपके समय भी तो अपन मशीन में अपना मौलिक अधिकार डाल आते थे।तब क्या चोरी नहीं होती थी?और पक्ष कहता है कि उस समय भी वोट की चोरी होती थी तो इसका मतलब है कि चोर-चोर मौसेरे भाई हो।ऐसे भाइयों के बीच में यदि आपका वोट फंस गया है, गणतंत्र फंस गया है,लोकतंत्र फंस गया है तो आपको कौन बचा सकता है?हमको लगता था कि पहले बैलेट बॉक्स में वोट डालते थे तो पूरे का पूरा बॉक्स चोरी हो जाता था।अब इलेक्ट्रॉनिक मशीन में डालते नहीं हैं बल्कि बटन दबा देते हैं तब भी वोट चोरी हो रहा है।कैसे बचेगा हमारा प्रिय लोकतंत्र?
एक बात और है,हम समझते थे कि हमारे पास दो भवन,कार, बाइक,फार्म हाउस बैंक बैलेंस आदि समस्त संपत्तियां हैं।हमसे अधिक धनवान कौन है?हमारी सारी संपत्ति शून्य से अधिक कीमत की नहीं है।यदि हमारे पास वोट बैंक नहीं है तो ये सारी संपत्तियां निरर्थक हैं।वह ऐसे कि इस वोट बैंक से आप लोकसेवक बन सकते हैं और लोकसेवक बन गए तो बंगला, लक्जरी गाड़ी,फार्म हाउस आदि सारी संपत्तियां खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सारी की सारी गिफ्ट में मिल जाएगी।अब बताइये वही वोट चोरी हो रही है मशीन से।गूंगे का गुड़ चोरी हो जाए तो गूंगे का तो सब कुछ चला जाता है।
वोट की चोरियां इसी तरह से बढ़ती रहीं तो न लोकसेवक बचेगा और न लोकतंत्र।अब आप समझ गए होंगे कि खतरा कहाँ से आ रहा है।बचने का एक रास्ता है अपने सारे वोट बटोर कर विपक्ष की झोली में डाल आओ,वे उसे चोरी नहीं देंगे तथा लोकतंत्र,गणतंत्र बच जाएगा वरना वोट मशीन में सेंध के बाद तो आपकी सारी पूंजी लुट गयी समझिए।हो सकता है कि आपकी सांसें,आपका हार्ट,किडनी,लिवर आदि प्रत्येक पार्ट चोरी हो जाएगा।
मित्रों,बचाओ मेरे लोकतंत्र को, वोट चुराने वाला तो उड़न छू हो जाएगा मर जाऊंगा मैं और मेरा अनमोल वोट।