अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा विश्व एड्स दिवस पर विशेष जागरूक अभियान चलाया गया डॉ हृदयेश कुमार
( वायरलेस न्यूज) फरीदाबाद हरियाणा से अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने स्वास्थ्य भारत बनाने का संकल्प किया था इस लिए तिरखा कॉलोनी शिव मंदिर पर विशेष जागरूक अभियान चलाया गया और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान पर चर्चा करते हुए बताया
हमारा मानना है कि अगर हम सब लोग एक साथ मिल कर जागरूक हों तो स्वास्थ्य भारत खुद बन सकता है बस हम सभी लोगों को स्वास्थ्य भारत बनाने के लिए पहले खुद स्वास्थ्य होना जरूरी है
दुनियाभर में हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस 2025 मनाया जाता है। वर्ल्ड एड्स डे 2025 को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, एचआईवी से संबंधित बीमारियों से मरने वालों को याद करने और एचआईवी / एड्स के साथ रहने वाले लोगों का समर्थन करना है। बता दें, विश्व एड्स दिवस एक विश्वव्यापी कार्यक्रम है जो पिछले 37 सालों से हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह यानी विश्व एड्स दिवस 2025 का इतिहास, महत्व और साल 2025 के लिए थीम।
एड्स एक लाइलाज बीमारी है। जिससे सिर्फ जागरूक रहकर ही बचा जा सकता है। HIV यानी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस रेट्रोवायरस परिवार का एक हिस्सा है, जो लेन्टिवायरस है। यह इंफेक्शन समय बढ़ाने के साथ एड्स बन जाता है। बता दें, यह वायरस इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाकर शरीर में मौजूद CD4 सेल्स को खत्म करने का काम करता है। ऐसे में लोगों के बीच AIDS को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल विश्व एड्स दिवस के लिए क्या थीम निर्धारित की गई है और इस दिन का क्या महत्व और इतिहास क्या है।
विश्व एड्स दिवस का इतिहास – History Of World Aids Day
विश्व एड्स दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1987 में की गई थी। सबसे पहले WHO के पब्लिक इनफार्मेशन ऑफिसर, जेम्स डब्ल्यू. बन और थॉमस नेटर ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की। बता दें कि पहली बार विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर 1988 को मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य HIV/AIDS के बारे में जागरूकता फैलाना, जानकारी शेयर करना और इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों को सपोर्ट करना था। साल 1996 तक WHO ही इस दिन को मनाता था, लेकिन उसके बाद UNAIDS (संयुक्त राष्ट्र HIV/एड्स कार्यक्रम) ने इस दिन को मनाने का फैसला किया। जिसके बाद 1997 में UNAIDS ने विश्व एड्स अभियान (World AIDS Campaign, WAC) की शुरुआत की और 1988 से लेकर आज तक विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाए जाने लगा।
एड्स डे का महत्व क्या है ? (World Aids Day Significance(
HIV संक्रमण को एक लाइलाज बीमारी के रूप में देखा जाता है। ऐसे में एड्स जागरूकता दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य उन लोगों को जागरूक करना है, जो इसके कारणों और प्रभाव के बारे में नहीं जानते हैं। इस बीमारी के बारे में लोगों के बीच उचित जागरूकता फैलाकर, मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
। इस साल एड्स डे का थीम है ‘Overcoming disruption, transforming the AIDS response’ जिसका मतलब यह है कि ‘बाधाओं पर विजय, एड्स प्रतिक्रिया में परिवर्तन’। यह थीम साल 2030 तक एड्स को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए निरंतर राजनीतिक नेतृत्व, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मानवाधिकार-केंद्रित दृष्टिकोणों का आह्वान करता है।
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