*दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ब्रजराजनगर यार्ड में क्रॉसओवर लेआउट सुधार कार्य एसपीएन रोलर प्रोसेस से सफलतापूर्वक सम्पन्न ।*

*दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहली बार क्रॉसओवर सुधार कार्य एसपीएन रोलर प्रोसेस से किया गया ।*

बिलासपुर – (वायरलेस न्यूज 01 दिसंबर 2025)

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ब्रजराजनगर यार्ड में 104A (अप मेन लाइन) और 104B (डाउन मेन लाइन) के मध्य स्थित क्रॉसओवर में समय के साथ विकसित हुई अवांछित वक्रता (किंक) ट्रैक ज्योमेट्री को प्रभावित कर रही थी । क्रॉसओवर के वास्तविक लेआउट को इंजीनियरिंग मानकों के अनुरूप पुनः स्थापित करने हेतु आवश्यक सुधार कार्य किया गया । इसके लिए डाउन मेन लाइन पर पॉइंट संख्या 104B को 2.33 मीटर बिलासपुर छोर की ओर स्थानांतरित करने का तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य एसपीएन रोलर्स की सहायता से सम्पन्न किया गया । एसपीएन रोलर प्रोसेस रेलवे इंजीनियरिंग में पूर्ण टर्नआउट को सहायक ट्रैक से उसके अंतिम स्थान तक तेज़ी और सटीकता से स्थानांतरित करने की उन्नत तकनीक है । इस विधि से कम समय में बिना अधिक लाइन ब्लॉक लिए कार्य पूरा हो जाता है, जिससे रेल परिचालन पर प्रभाव डाले बिना दक्ष, संरक्षित और शीघ्र ट्रैक सुधार सुनिश्चित होता है।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में इस प्रकार का कार्य पहली बार एसपीएन रोलर प्रोसेस से किया गया है, जिससे यह कार्य एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बन गया है । विशेष रूप से यह उल्लेखनीय है कि यह संपूर्ण सुधार कार्य रेल परिचालन को बाधित किए बिना, निर्धारित संरक्षा मानकों का पूर्ण पालन करते हुए सम्पन्न किया गया, जिससे परिचालन निरंतरता और संरक्षा दोनों सुनिश्चित रहीं ।

दिनांक 29 नवंबर 2025 को 12:05 बजे से 17:05 बजे तक प्राप्त ट्रैफिक ब्लॉक अवधि में यह कार्य अत्यंत सावधानी एवं दक्षता के साथ सम्पन्न किया गया । कार्य के दौरान 90 श्रमिक, 41 विभागीय कर्मचारी तथा पी.वे. सुपरवाइजर एवं अधिकारी स्थल पर उपस्थित रहे । संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप क्रॉसओवर की लंबाई को 2.33 मीटर बढ़ाकर कुल 95.35 मीटर कर दिया गया तथा पूर्व में विकसित वक्रता (किंक) को पूर्णतः समाप्त कर क्रॉसओवर की वांछित ज्योमेट्री पुनर्स्थापित की गई ।

सामान्यतः इस प्रकार के क्रॉसओवर सुधार कार्यों में टी-28 मशीनों का उपयोग किया जाता है, लेकिन ब्रजराजनगर में एसपीएन रोलर विधि अपनाई गई, जिसने कम समय में, बिना आस-पास की लाइनों पर अतिरिक्त ब्लॉक की आवश्यकता के, अत्यधिक सटीकता और संरक्षा के साथ कार्य को सम्पन्न किया । टी-28 मशीनों के उपयोग में बीआरएन (मालगाड़ी/ वैगन) पर लोडिंग-अनलोडिंग की आवश्यकता तथा अतिरिक्त लाइन ब्लॉक लेने की बाध्यता होती है, जबकि एसपीएन रोलर विधि इन जटिलताओं से मुक्त रहते हुए अधिक प्रभावी और व्यवहारिक सिद्ध हुई । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहली बार अपनाई गई यह तकनीक भविष्य में ऐसे कार्यों के लिए एक सशक्त विकल्प के रूप में उभरकर सामने आई है ।

इंजीनियरिंग, सिग्नल एवं दूरसंचार तथा टीआरडी विभागों के तकनीकी ज्ञान, उत्कृष्ट समन्वय एवं सक्रिय भागीदारी के परिणामस्वरूप यह कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर सफलतापूर्वक पूरा किया गया । यह उपलब्धि न केवल ब्रजराजनगर यार्ड बल्कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए भी ट्रैक सुधार कार्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो आगे संरक्षित, विश्वसनीय और बेहतर ट्रैक ज्योमेट्री सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी ।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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