पीसीसीएफ से मिले प्रथम नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर नंद कुमार साय जमीनी स्तर पर हाथियों से निपटने योजना के क्रियान्वयन की हुई बात

रायपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यज ) वन परिक्षेत्र तपकरा क्षेत्र के गांव में दंतैल हाथियों का आतंक लगातार जारी है। दो दिन में इस दूसरी घटना के बाद आदिवासी नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नन्द कुमार साय ने बारम्बार घट रही घटना को गम्भीरता से लिया है। वे आज रायपुर में पीसीसीएफ और वन्य प्राणी संरक्षण के अधिकारी श्री राकेश चतुर्वेदी एवं पीवी नरसिम्हा राव से मिले। उन्होंने तपकरा के आसपास के गांवों में हिंसक हाथियों के हमले से बेकसूर लोगो की जा रही जान को लेकर अधिकारियों को ठोस और जमीनी स्तर पर कदम उठाने को कहा है। साय ने आला वन अधिकारियों से क्षेत्र में लेमन ग्रास का उत्पादन के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से भारी मात्रा में हाथी पीड़ित गांवों में लगवाने हेतु कहा इससे क्षेत्रीय ग्रामीणों को आमदनी भी होगी साथ ही साथ ग्रास के गंध से हाथी उस क्षेत्र में नहीं आ पाएंगे। इसके साथ ही मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देकर जंगल के वृक्षों में मधुमक्खी पालन करने को कहा। बता दें कि जिन जगहों पर मधुमक्खी का छत्ता होता है उन जगहों पर हाथी नहीं आते। नन्द कुमार साय ने चिंता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को हिदायत दी कि अब तपकरा क्षेत्र में हाथियों का आतंक बर्दाश्त से बाहर हो गया है, उन्होंने कहा कि वन अधिकारी नए सिरे से प्लान बनाकर तपकरा के आस-पास के गांव को हाथियों से मुक्त करें।
आपको बता दें कि मंगलवार की सुबह फिर एक मजदूर किसान को दंतैल हाथी ने रौंद दिया है, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना ग्राम बाबू साज बहार की है जहां एक दंतैल सहित तीन हाथी पहुंचे। मिली जानकारी के मुताबिक मृतक ग्राम बाबू साज बहार निवासी मजदूर किसान युवक का नाम श्याम कुमार पिता रोहिदास उम्र 42 वर्ष बताया जा रहा है। श्याम कुमार मंगलवार सुबह लगभग 6:00 बजे शौच के लिए घर के पास स्थित खेतों में निकला था और घर के पास ही हाथी विचरण कर रहा था जिस पर पहले उसकी नजर नहीं पड़ी और जब तक नजर पड़ती बहुत देर हो चुकी थी। क्षेत्र में गजराजों का कहर जारी है और लोग सर में कफन बांधकर घूम रहे हैं। नन्द कुमार साय ने जिस मुस्तेदी से वन अधिकारियों से चर्चा की है उससे लगता कि वन विभाग मामले को गम्भीरता से लेगा।