नई दिल्ली, 4 नवंबर, 2020 जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) की एक शाखा, जिंदल पावर लिमिटेड, बुधवार को छत्तीसगढ़ में गारे पलमा IV / 1 कोयला ब्लॉक के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी बन गई।

कोयला ब्लॉक का स्वामित्व 2014 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष JSPL के पास था। कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के तहत 1993 से विभिन्न सरकारी और निजी कंपनियों को आवंटित 204 कोयला खानों को रद्द कर दिया गया।

JSPL ने बाद की बोली में ब्लॉक हासिल कर लिया था, लेकिन पिछले साल केंद्र सरकार ने गारे पाल्मा IV / 1 ब्लॉक कोयला ब्लॉक के लिए कंपनी की 230 रुपये प्रति टन की बोली को अस्वीकार करने का फैसला किया, हालांकि कंपनी के लिए उच्चतम बोली लगाने वाले का मूल्यांकन बहुत कम था यह नीलामी में है।

आज हुई वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी के दिन 3 में, चार कोयला खानों (मध्य प्रदेश में 3 और छत्तीसगढ़ में 1) को नीलामी के लिए रखा गया था। नीलामी के लिए रखी गई खदानों का कुल भूवैज्ञानिक भंडार 161 मिलियन टन (MT) है, जिसकी संचयी शिखर दर 7 MT प्रति वर्ष है।

कंपनी ने अडानी एंटरप्राइजेज और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को हटाते हुए गारे पाल्मा IV / 1 के लिए 25 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ब्लॉक में 84 मिलियन टन का भूगर्भीय कोयला भंडार है और छह मिलियन टन प्रति वर्ष पीक क्षमता है।

ब्लॉक का अनुमान है कि यह पीक रेटेड क्षमता तक पहुंचने पर 652 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करेगा।