रायगढ़ (वायरलेस न्यूज़ 20 नवंबर) पेट की आंतों में अल्सर से पीडि़त रायगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार विवेक श्रीवास्तव इलाज के लिए राजधानी रायपुर के अस्पताल में 8 दिन तक भर्ती रहने के बाद आधे अधूरे इलाज से तंग आकर वापस अपने शहर रायगढ़ लौटने को मजबूर हो गए। रायपुर के उक्त अस्पताल में उनसे 8 दिन में बतौर फीस 80 हजार रुपये वसूल लिए गए जबकि उनके पास आयुष्मान कार्ड (डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य कार्ड) भी था लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें उस कार्ड के एवज में किसी तरह का लाभ देने से साफ इनकार कर दिया। जबकि सरकार की ओर से आयुष्मान कार्ड पर 5 लाख रुपये तक प्रदेश के किसी भी अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा देने की घोषणा की गई है।
बहरहाल राजधानी रायपुर के अस्पताल से पत्रकार विवेक श्रीवास्तव रायगढ़ वापस होने के लिए रवाना हो चुके थे। दीवाली से कुछ दिन पहले जब रायगढ़ में उन्हें पेट में असहनीय दर्द हुई तो वे इलाज के लिए रायगढ़ के ही मेट्रो बालाजी अस्पताल में गए थे। लेकिन वहां भी उन्हें आयुष्मान कार्ड का लाभ देने से इनकार कर दिया गया था। इसी तरह रायपुर के बालाजी अस्पताल में उन्हें सरकार की योजनाओं का कोई लाभ देने से इनकार कर दिया गया। तब वे राजधानी के ही गुढिय़ारी रोड स्थित सुयश हॉस्पिटल में 8 दिन पहले भर्ती हुए थे। वहां उन्हें अल्सर के अलावे हार्निया की भी तकलीफ की बात बताई गई। सुयश हॉस्पिटल में भी उन्हें आयुष्मान कार्ड या छत्तीसगढ़ सरकार की किसी भी योजना का लाभ देने से साफ इनकार कर दिया गया और इलाज के नाम पर उनसे 8 दिन के दरम्यान 80 हजार रुपये वसूल लिए गए और 5 दिन और रूकने की बात वहां के डॉक्टरों ने कही। 5 दिन और का मतलब सीधे-सीधे और 50 हजार रुपये पत्रकार विवेक श्रीवास्तव के लिए इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करना असंभव जैसी बात थी इसलिए वे आधे-अधूरे इलाज के बाद ही अस्पताल से खुद ही छुट्टी लेकर वापस रायगढ़ के लिए रवाना हुए। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक वे रायगढ़ नहीं पहुंचे थे।
यहां यह बताना होगा कि अभी कल ही नेशनल प्रेस डे के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी सरकार द्वारा पत्रकारों के हित में बनाई गई कई योजनाओं का लंबा-चौड़ा बखान किया था। जिसमें पत्रकारों को इलाज के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की बात कही गई थी लेकिन नेशनल प्रेस डे के दूसरे ही दिन एक बीमार पत्रकार ने इलाज के दौरान अपनी आपबीती बताकर भूपेश सरकार के ढपोरशंखीय योजनाओं की पोल खोल दी है। सवाल यह है कि जब यह एक पत्रकार के साथ अस्पतालों में ऐसा सुलूक किया जा रहा है तो आमजन के साथ कैसा सुलूक किया जाता होता इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकार के आयुष्मान योजना में राज्य के निवासियों को 5 लाख रुपये तक निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने की सुविधा की घोषणा तो बड़े जोर-शोर से की गई थी लेकिन असलियत कुछ और ही है। सरकारी योजनाओं के लाभ से जब पत्रकारों को वंचित किया जा सकता है तो आमजन उन योजनाओं का लाभ किस हद तक ले पाते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार विवेक श्रीवास्तव ने रायपुर के सुयश अस्पताल से लौटते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट किया है कि अगर सरकारी योजनाएं कागजी हैं तो सरकार नाटक-नौटंकी करना छोड़ क्यों नहीं देती।

Author Profile

Amit Mishra - Editor in Chief
Amit Mishra - Editor in Chief