राजकीय शोक के दौरान बाजेगाजे के साथ जनता के बीच पंहुंचे विधायक

किशोर कर ब्यूरोचीफ महासमुंद

महासमुंद- देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के विगत दिनों निधन हो गया उसके बाद छत्तीसगढ़ में 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है राजकीय शोक के दौरान तिरंगा ध्वज आधा झुका रहता है इतना ही नहीं सार्वजनिक समारोह उत्सव आदि का आयोजन भी नहीं किया जा सकता। लेकिन छत्तीसगढ़ के सरायपाली विधानसभा क्षेत्र में तमाम नियम कायदे को ताक पर रखकर राजकीय शोक के दौरान ही यहां के प्रमुख निर्वाचित जनप्रतिनिधि

बाजे गाजे के साथ अपनी स्वागत कराने से नहीं चूकते हैं। दरअसल सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के छूईपाली अंचल में कुछ लोगों का कांग्रेश प्रवेश का कार्यक्रम आयोजित किया गया । जाहिर सी बात है लोगों के कांग्रेस प्रवेश से पार्टी के नेता इस कदर उत्साही हो गए कि राजकीय शोक को भी भूल गए और उत्साह के माहौल में बाजे गाजे के साथ कार्यक्रम भी आयोजित करवा दिए। राजकीय शोक के दौरान जब नेता अपनी मर्यादा भूल जाएं तब आम जनता कैसे नियम कायदों का पालन कर पाएगी यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है , वहीं दूसरी और क्या नियम कायदे सिर्फ जनता के लिए ही बनाए जाते हैं ? निश्चित तौर पर बड़ा सवाल है लेकिन शासन सत्ता सब उनका है लिहाजा इनके लिए “जिसकी लाठी उसकी भैंस” कहावत चरितार्थ होती है । हम आपको बताते चलें कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणव मुखर्जी (दिवंगत) जाहिर तौर पर महामहिम राष्ट्रपति बनने के पूर्व तक कांग्रेस पार्टी की उच्च प्रतिष्ठित नेता रहे जिन्होंने कांग्रेस को सींचा है लेकिन उनके निधन के बाद कांग्रेस पार्टी से ताल्लुकात रखने वाले जनप्रतिनिधि ही जब मर्यादा को भूल जाए तब इसे क्या कहेंगे…? सवाल उठना लाजिमी है । ऐसे में छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार है सवाल के जवाब भी सत्तधीशों को ही ढूंढने होंगे।