कोरबा:वन गोदाम में पत्थर बन गए लाखों के सीमेंट,सप्लायर ने बदला नहीं लेकिन भुगतान पूरा

(.पुष्पेन्द्र ,श्रीवास.वायरलेस न्यूज़) स्टॉप डेम सहित अन्य निर्माण के लिए उपयोग हेतु लाए गए गुणवत्ताहीन सीमेंट को बदला नहीं गया। गोदाम में पड़े-पड़े ये सीमेंट पत्थर बन गए हैं और पत्थर बनने की ओर अग्रसर भी हैं। खास बात यह है कि इस सीमेंट की राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार/सप्लायर को पूर्व में ही किया जा चुका है जिससे कि वह तो घाटे में नहीं लेकिन वन विभाग के द्वारा सरकारी धन को जरूर बंदरबांट कर दिया गया।

बता दें कि पिछले वर्ष कटघोरा वन मंडल के जटगा, पाली, पसान सहित अन्य सभी रेंज में स्टॉप डेम व अन्य निर्माण कार्य के लिए सामग्री की आपूर्ति कराई गई थी। इसमें भाग लेने वाले ठेकेदार के द्वारा आपूर्ति के साथ-साथ निर्माण का भी ठेका प्राप्त किया गया। उसने निर्माण स्थल पर हाई-टेक सीमेंट का उपयोग शुरू किया जिसकी खबर हमने प्रमुखता से प्रमाण सहित प्रसारित किया था। निर्माण हेतु अल्ट्राटेक, डबल बुल व अन्य गुणवत्ता पूर्ण सीमेंट की आपूर्ति को ही कोटेशन में शामिल किया जाता है जबकि हाई-टेक सीमेंट का दूर-दूर तक कहीं नाम नहीं रहता।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक सरकारी निर्माण में यह सीमेंट उपयोग में नहीं लाया जाता। मामला उजागर करने पर आनन-फानन में जटगा, पसान और पाली रेंज में हाई-टेक सीमेंट को बदला गया और इसके स्थान पर दूसरे सीमेंट को लाया जाकर उपयोग में लिया गया। हाई टेक सीमेंट को वन विभाग के गोदाम में डम्प कर दिया गया लेकिन नियमत: इसका उठाव करा कर इनके स्थान पर दूसरे सीमेंट की आपूर्ति किया जाना था जो कि नहीं किया गया। सूत्र बताते हैं कि आपूर्तिकर्ता को उपरोक्त सभी सीमेंट की राशि का भुगतान उसी समय कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि जटगा में लगभग 5400 बोरी सीमेंट, पाली व पसान में लगभग 7500 बोरी सीमेंट वन विभाग के गोदाम में रखा गया है जो कि अब पत्थर बन चुका है। बचे-खुचे सीमेंट भी पत्थर बनने की ओर अग्रसर हैं।

Author Profile

Amit Mishra - Editor in Chief
Amit Mishra - Editor in Chief
Latest entries