किशोर कर ब्यूरोचीफ महासमुंद

महासमुंद -महासमुन्द बिरकोनी चंड़ी मंदिर में 24 तारीख का मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतरगर्त लगभग 200 जोड़ों की शादियां होने वाले थी, जिसे महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ ने तैयारी पूर्ण नहीं होने की बात कहते हुए स्थागित कर दिया है।

महिला बाल विकास विभाग की इस लापरवाही की वजह से कई परिवारों के सामने धर्म संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। वर वधू को हल्दी लग चुकी है। वधु के यहां आज सुबह बरात पहुंचनी वाली थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही ने गरीब परिवारों के पिताओं को अब कर्ज में डूबो दिया है। महिला बाल विकास विभाग के इस लापरवाही का नतीजा अब गरीब परिवार को भोगना पड़ेगा। हम आपको बता दें कि महिला बाल विकास विभाग ने जिले भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वाट्सएप गु्रप में सुपरवाइजरों ने 13 मार्च को लिखा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह 24 मार्च को बिरकोनी चंडी मंदिर में होना तय हुआ है। सभी कार्यकर्ता वर वधू से अविवाहित होने का शपथ पत्र ले लें। सुपरवाइजरों ने यह आदेश तो गु्रप में कर दिया है लेकिन महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ समीर पांडे इस बात से मुकर रहे हैं कि हमारे विभाग से किसी को कोई आदेश लिखित में नहीं किया था। जो विवाह कर रहे हैं वो सक्षम है, ऐसे सक्षम लोगों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए। ठीक इसके विपरीत महिला बाल विकास विभाग शासन के सामने वाहवाही बटोरने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर भेज कर पंजीयन करवाया है। कुछ गरीब परिवार आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से इस वर्ष शादी नहीं करना चाहते थे ऐसे परिवारों को भी योजना का लाभ दिलाने का लालच देकर पंजीयन करवा कर शादी तय कर दी गई है। महासमुन्द के पुराना रावण भांठा निवासी चम्पा ढीमर जिनको कल 23 मार्च को दोपहर एक बजे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पहुंच कर जानकारी दी कि महिला बाल विकास विभाग ने 24 मार्च को होने वाली आदर्श विवाह निरस्त कर दी है। चम्पा धीवर के पिता जो हमाली का काम करते हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बात सुनकर उनके पैरों तले जमीन खीसक गई। चम्पा के पिता महेश कुमार ढीमर हमाला का काम करते हैं। आज 24 मार्च को पास के गांव खैरा से बरात घर पहुंचेगी। बारितयों के खाने पीने से लेकर सब इंतजाम कैसे होगा इस बात से चितिंत है। कर्ज लेकर अब उन्हें आज अपनी बेटी की शादी करना होगा।
विवाह स्थगित होने के बाद महासमुन्द शहर से लगा ग्राम खरोरा की रजनी धीवर के घर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने तब जाकर जानकारी दी जब उनके घर से रिश्तेदार चुलमाट के लिए निकल रहे थे। रजनी धीवर का ब्याह मंदिर हसौद रसनी के पास के एक गांव में तय किया गया है। वर पक्ष ने अपने निमंत्रण पत्र में चंडी मंदिर बिरकोनी आदर्श विवाह का उल्लेख भी किया है। रजनी धीवर के पिता रमानंद धीवर का भी यही कहना है कि बेटी का ब्याह रोका तो नहीं जा सकता है ब्याज मे कर्ज लेकर शादी करूंगा। अगर शादी नहीं करता हूं तो समाज में कई तरह की बांतें होंगी जिससे मेरी कुवारी बेटी का जीवन खराब हो जायेगा। मामले को लेकर महिला बाल विकास विभाग के समीर पांडे से जब विवाह क्यों स्थगित किया गया था। जब तैयारी पूर्ण नहीं हुई थी तो गरीब परिवारों को शादी की तारिख और जगह क्यों बता दिया गया इन सवालों पर उन्होंने बाईट नहीं दिया और मौखिक रूप से कहा कि हमने किसी को कोई तारिख नहीं दी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा तारिख बताने और अविवाहित प्रमाण पत्र के पंजीयन के वक्त बताया गया है इस बात को समीर पांडे डीपीओ ने खारिज करते हुए कहा कि अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसे कहा है तो वह जाने। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के लापरवाही के चलते अब गांव और मुहल्लों में हितग्राही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर अपना गुस्सा उतार रहे हैं और छत्तीसगढ़ सरकार पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। मामले में कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने कहा है कि महिला बाल विकास विभाग ने उन्हें जानकारी दी है कि तैयारी पूर्ण नहीं हो पाने की वजह से मुख्यमंत्री कन्या विवाह को वर्तमान में कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। लिखित में विभाग ने किसी को कोई सूचना नहीं दी है। अगर विभाग द्वारा लापरवाही की गई है तो उसकी जांच करा कर कार्रवाई करने की बात कलेक्टर ने कही हैं।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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