वर्धा,(वायरलेस न्यूज़ 29 मार्च 2022) : महाराष्‍ट्र सरकार की भाषा सलाहकार समिति के अध्‍यक्ष, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एवं अखिल भारतीय मराठी साहित्‍य सम्‍मेलन के पूर्व अध्‍यक्ष लक्ष्‍मीकांत देशमुख ने महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल के साथ सोमवार 28 मार्च को विभिन्‍न अकादमिक विषयों पर महत्‍वपूर्ण चर्चा की। भविष्य में मराठी विद्यापीठ की स्थापना करते समय उसका स्वरूप कैसा होगा, इसपर भी दोनों के बीच चर्चा हुई। चर्चा में प्राध्यापक एवं लेखक राजेंद्र मुंढे ने भी हिस्सा लिया।
चर्चा के दौरान कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने विश्‍वविद्यालय में संचालित विभिन्‍न पाठ्यक्रम, कार्यक्रम एवं योजनाओं का उल्‍लेख करते हुए बताया कि विश्‍वविद्यालय ने भाषा और साहित्‍य के साथ-साथ ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी को लेकर अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्‍होंने रिद्धपुर में श्री चक्रधर स्‍वामी मराठी भाषा एवं तत्‍वज्ञान अध्ययन केंद्र की स्‍थापना, भारतीय अनुवाद संघ की शुरूआत तथा नई शिक्षा नीति के आलोक में उच्‍च शिक्षा को लेकर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर प्रो. शुक्‍ल ने देशमुख को बहुवचन त्रैमासिक की हाल ही में प्रकाशित प्रतियां भेंट स्‍वरूप प्रदान की तथा श्री देशमुख ने कैफी आज़मी पर लिखी पुस्तक कुलपति प्रो. शुक्ल को भेंट दी। लक्ष्‍मीकांत देशमुख ने संभावित मराठी भाषा विद्यापीठ के प्रारूप को लेकर कुलपति प्रो. शुक्‍ल के साथ विस्तार से परामर्श किया। श्री देशमुख ने विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल के साथ भी विचार-विमर्श किया। उन्‍होंने जनसंचार विभाग के पराड़कर मीडिया लैब और अन्‍य विभागों को भी भेंट दी। इस अवसर पर विवि के सहायक प्रोफेसर संदीप सपकाले, शैलेश मरजी कदम, जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे तथा पदमाकर बाविस्‍कर उपस्थित थे।