*राज्यभर क़े पर्यावरण विशेषज्ञ ने जशपुर जिले क़े जैव विविधता क़े बारे में व्यक्त किए विचार
जशपुर :- (वायरलेस न्यूज़)
जैव विविधता दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन एवं वन विभाग के सँयुक्त तत्वावधान में जिला पंचायत सभागार जशपुर में कार्यशाला का आयोजन किया गया।उक्त कार्यक्रम में संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ शासन एवं विधायक कुनकुरी यू.डी. मिंज, एवं विधायक जशपुर विनय भगत, कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल,डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय, जिला पंचायत क़े मुख्यकार्यपालन अधिकारी, राज्यपाल क़े सलाहकार विजय पंडा, सामाजसेवी ममता कुजूर,देवेश शर्मा, शिवानंद मिश्, गणेश मिश्रा सूरज चौरसिया,विनोद गुप्ता, संजीव शर्मा राज्य भर क़े पर्यावरण विद,शोधर्थी एवं रिसर्चर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी , जनप्रतिनिधि, समाजसेवी गणमान्य नागरिक एवं स्कूली बच्चे उपस्थित रहे.
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए संसदीय सचिव यू डी मिंज ने कहा कि जशपुर में जैव विविधता दिवस मनाया जा रहा है इसके पीछे बहुत ही खास कारण है. जशपुर जैव विविधता का भंडार है जो देश क़े किसी अन्य जिले में नहीं है,जशपुर जिले के समृद्ध अनोखी जैव विविधता को लेकर एक जैव विविधता रिसर्च स्टेशन स्थापित करने की जो पूरे भारत वर्ष को लाभ पहुंचेगा और निश्चित ही यह अपने आप में ये एकलौता जिला होगा । यही कारण है कि हम इस दिशा में विशेष प्रयत्न कर इसे संरक्षित करना चाहते है इसमें सभी सहभागिता हो तो निश्चित ही इसमें सफल होंगे.
जशपुर विधायक विनय भगत ने कहा कि जशपुर जिला बहुत ही सुन्दर और आकर्षक है यहाँ की जैव विविधताओं का संरक्षण करना है उन्होंने कहा कि जशपुर क़े जलवायु परिवर्तन चिंतनीय है इसकी दिशा में हर नागरिक को सोंचना है और इसकी रक्षा करने में अपना योगदान देना है सभी क़े प्रयास से जशपुर को हरित जिला बनाने क़े लिए यहाँ क़े सभी विधायक प्रयास कर रहे हैं हम सबको सुन्दर जशपुर को बचाने जागरूक और प्रेरित करना है.
कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने कहा कि जैव विविधता क़े महत्व को समझना जरुरी है, सजीव क़े साथ निर्जीव और सूक्ष्म जीवों को भी इसमें समायोजन होता है इनका नष्ट होना चिंताजनक हैं इसलिए समय समय पर संगोष्ठी कार्यशाला होती रहनी चाहिए जिससे जलवायु परिवर्तन क़े विषयों पर चर्चा हम सभी को प्रोत्साहित करेगा.
रायपुर से आये विशेषज्ञ ऐशोसीएट प्रोफेसर जिन्होंने एथनो मेडिसिनल प्लांट क़े बारे बताया कि जशपुर तीन भाग में विभक्त है जिसमें अलग अलग प्रजाति क़े प्लांट होंगे यहाँ का बायोडायवरसिटी अनोखा है ऊपरी भाग हिमालय क़े जलवायु जैसा हैं,यहाँ अनेक प्रकार मेडिसिन प्लांट क़े लिए उपयुक्त हैं और अनेक ऐसे प्लांट हैं
वाइल्ड लाइफ जशपुर क़े सौरभ सिँह ने यहाँ पाए जाने वाले बर्ड्स और बटरफ्लाई क़े अनुकूलन क़े बारे में बताया कि यहाँ किस किस क्षेत्र में किस किस प्रजाति की तितलियाँ पाई जाती है यहाँ हिमालयन क्षेत्र की तितली की प्रजाति भी मिलती है यहाँ मिलने वाले पक्षियों क़े बारे में भी विस्तार से बताया.
रायपुर से आये विशेषज्ञ गौरव निहलानी ने कहा कि तितलीओं क़े अनुकूलन क़े आधार पर यहाँ 170 प्रकार क़े तितलियाँ पायी जाती है उन्होंने बताया कि 2019 में तीन नई प्रजाति की तितलियाँ पाई गईं जो कि हिमालय क़े रेंज में भी पाई जाती है. उन्होंने तितलिओ क़े जीवन चक्र, व्यवहार, भोजन, अनुकूलन क़े बारे में बताया.
मिनरल रिसोर्स ऑफ़ छत्तीसगढ़ क़े सत्यनारायण ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वृहत पैमाने पर पर खनिज है लेकिन जशपुर में उस मात्रा में खनिज पदार्थ नहीं हैं इसलिए यहाँ इस ओर ध्यान न देकर केरल की तरह बायोडायवर्सिटी रिसर्च केंद्र और पार्क विकसित कर जैव विविधता का संरक्षण किया जाना चाहिए.
डॉ रेने कुजूर ने जशपुर स्पाइडर प्रजाति क़े बारे में बताया उन्होंने बताया कि किस किस प्रकार क़े जीव जंतु क़े लिए जशपुर अनुकूलित है.
फ्रूट साइंस क़े जोनसेन लकड़ा ने जशपुर जिले में बगीचा पंडरापाठ,सन्ना, जशपुर,कुनकुरी, फरसाबाहर, पत्थलगांव क्षेत्र में होने वाले फलों और अनुकूलता क़े बारे में बताया उन्होंने कहा कि जशपुर की समृद्धि जैव विविधता और जलवायु में सभी प्रकार की उद्यानिकी फसलों का उत्पादन किया जा सकता हैं चाहे वह गर्म क्षेत्र हो या ठंडा क्षेत्र हो.
कार्यशाला में डीएफओ जितेंद्र कुमार उपाध्याय, सीईओ क़े एस मंडावी जिलाध्यक्ष कांग्रेस मनोज सागर यादव,ने भी सम्बोधित किया इस अवसर पर सभी प्रतिभगियों एवं विशेषज्ञ जनों को सम्मानित भी किया गया.
जैव विविधता पर आयोजित प्रतियोगिता क़े विजेताओं को मिला पुरस्कार
वनमंडल जशपुर द्वारा जैव विविधता पर आयोजित प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण किया गया जिसमें निबंध लेखन में योग्यता साहू प्रथम, सुनैना साय,दुर्गा प्रसाद तृतीय रहे पेंटिंग में आशुतोष प्रथम, योग्यता साहू द्वितीय एवं भानुदास तृतीय रहे. फोटोग्रोफी में सौरभ सिँह प्रथम, सुधाकर द्वितीय एवं रेवत कुमार बघेल तृतीय रहे.
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