विश्व रक्तदाता दिवस पर विशेष

सोशल मीडिया से लेकर सीधे संपर्क कर कई संस्थाएं मुहैया करा रही रक्त

रायगढ़ (वायरलेस न्यूज़) 14 जून 2022, थैलेलेसीमिया और सिकलिंग से संक्रमित बच्चे जिन्हें हर माह खून की जरूरत होती हैं वह रक्तदाताओं के कारण पूरी होती है। इलाज के लिए खून की जरूरत रक्तदाता ही पूरी करते हैं। लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर मंगलवार को कलेक्टोरेट स्थित सभाकक्ष सृजन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसके अलावा जिलेभर में रक्तदान को लेकर विविध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए।

राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के छात्र गांव-गांव जाकर लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक कर रहे हैं। एनएसएस के जिला संगठन प्रभारी भोजराम पटेल बताते हैं: “रक्तदान के लिए एनएसएस के छात्रों को प्रेरित किया जाता है और यही छात्र दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। हम जहां भी शिविर लगाते हैं वहां कोशिश रहती है कि रक्तदान शिविर का आयोजन करें।“

जिले में ब्लड रायगढ़ नाम की संस्था स्थापित करने वालों में से एक अमितेश गर्ग की मानें तो “एक यूनिट रक्तदान में 350 मिलीग्राम खून लिया जाता है। रक्तदान के बाद हुई खून की कमी 24 घंटे में पूरी हो जाती है। एक यूनिट खून से एक यूनिट, प्लाज्मा, एक यूनिट प्लेटलेट्स, एक यूनिट आरबीसी और एक यूनिट क्रायो मिलता है। इनसे अलग-अलग चार लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। हर तीन महीने के अंतराल पर दोबारा रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए शरीर का न्यूनतम वजन 45 किलो होना चाहिए। रक्तदान करने से हार्टअटैक और कैंसर की आशंका कम हो जाती है।“

ब्लड रायगढ़ संस्था ने भी लोगों से निवेदन है किया है वह अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करें। यह समिति साल भर रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करती है और एक कॉल पर जरूरतमंद के लिए रक्त का प्रबंध करती है। संस्था के अमित पटेल बताते हैं: “रक्त सबसे अनमोल रत्न है। एक बार दिया रक्त कई लोगों के चेहरे और जिंदगी में खुशी ला सकता है। उनका जीवन बचा सकता है। इसी कोशिश के तहत हर वर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन करते है। रक्तदान करते समय 7 तरह के टेस्ट किए जाते हैं।अगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है तो उसका भी पता चल जाता है। ऐसे लोग जिनके पास रक्तदाता होते हैं वो कई बार जानकर फोन लगाते हैं जिससे जरूरतमंद की मदद में देर होती है। जिन्हें वास्तव में जरूरत हो वह हमसे संपर्क करें। औसतन हर व्यक्ति को अपने पूरे जीवन में एक बार अपने या अपने परिवार में किसी के लिए रक्त की जरूरत होती है इसिलए कम-से-कम एक बार जरूर रक्तदान करें। ‘’

जब करीबी की दूसरा करता है मदद तब समझ आता है महत्व
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ की पैथालॉजी की अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ. किरण भगत (एमडी, पैथोलॉजी) ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा, “ रक्तदान के कई फायदे हैं। हर तीन महीने में रक्तदान कर सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल मेंटेन रहता है। रक्त की एक बूंद लोगों की जान बचा लेती है। रक्तदान का महत्व हमको तब समझ में आता है जब हमारे किसी करीबी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है । और जब हम उपलब्ध नहीं करा पाते हैं, इसलिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा आगे आकर रक्तदान में भाग लेना चाहिए ताकि जरूरत के समय रक्त उपलब्ध हो सके। रक्तदान के प्रति मन में बैठी हुए गलत धारणाओं को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर भी दूर किया जा सकता है । रक्तदान दुनिया का सबसे बड़ा दान है जो जीवन बचाता है।“

क्यों मनाया जाता है यह दिवस

कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के अवसर पर विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म 14 जून 1868 को हुआ था। उन्होंने 1900 में ABO रक्त समूह की खोज की थी। वह एक ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और चिकित्सक थे, जिन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिवस का आयोजन पहली बार 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और द इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा किया गया था। 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की 58वीं बैठक में 192 देशों द्वारा विश्व रक्तदान दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी।

कौन कर सकता है रक्तदान
रक्तदान करने के लिए रक्तदाता की उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो। शारीरिक रूप से सेहतमंद होना भी जरूरी है। खून में हीमोग्लोबिन का स्तर 12.5 जी/डीएल या इससे ऊपर होनी चाहिए। रक्तदान करने के 24 घंटे पहले शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन नही किया गया हो। रक्तदान करने वाले व्यक्ति को ब्लड प्रेशर, कैंसर, एड्स जैसी बीमारी नही होनी चाहिए। एक सेहतमंद व्यक्ति हर 3 महीने में रक्तदान कर सकता है।