रायगढ़ / (वायरलेस न्यूज़) रायगढ़ इस्पात उद्योग संघ ने जिंदल पर बिजली आपूर्ति बाधित कर कारखानों को मंदी की ओर धकेलने का लगाया आरोप गैलेक्सी माल में पत्रकार वार्ता राकेश अग्रवाल ने जिंदल के अधिकारियों को को किया कटघरे में खड़ा नवींन जिंदल से मिलकर करेगे इस समस्या का समाधान रायगढ।रायगढ़ इस्पात उद्योग संघ और जिंदल ग्रुप में पूंजीपथरा औधोगिक पार्क का झगड़ा अब सड़क पर आ गया है। झगड़े की वजह जिंदल समूह और औधोगिक पार्क पूंजीपथरा में स्थापित उद्योगों को मिलने वाली बिजली है। जिससे उद्योग संचालित होते है । सोमवार को रायगढ़ इस्पात उद्योग संघ पूंजीपथरा के उद्योगपतियों ने एक प्रेस कांफ्रेस कर जिंदल समूह के अधिकारियों पर जमकर वादाखिलाफी का आरोपो की झड़ी लगा दी। रायगढ में 1990 के आसपास जब स्वर्गीय ओमप्रकाश जिंदल और उनके उद्योगपति पुत्र नवींन जिंदल ने रायगढ में जिंदल स्टील एंड पवार लिमिटेड के नाम से किरोड़ीमल नगर के पास के गांव पतरापाली में अपने छत्तीसगढ़ के पहले कारखाने की नींव डाली थी तब किसी ने सोचा भी नही था कि देश के बड़े उद्योगपति के रूप में शुमार हो चुके नवींन जिंदल जैसे उद्योगपति स्थानीय लोगो को भी कल कारखाना खोलने के लिए प्रोत्सहित करेगे । जिंदल के प्लान्ट के साथ साथ स्थानीय लोगो ने भी अपनी मेहनत के दाम पर नवींन जिंदल के आग्रह पर उनकी सोच से भी के आगे बढ़कर पूंजीपथरा स्थित आद्योगिक पार्क में छोटे छोटे स्तर पर पूंजीनिवेश कर कारखाने खोलने शुरू कर दिए जो आज पूरे देश मे सरिया,इन्गार्ड और अन्य लोहे के कच्चे माल के विनिर्माण के केंद्र के रूप में विख्यात हो चुके है । जिला मुख्यालय रायगढ में स्थित जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र से हुए ओएमयू के तहत कल कारखानों को नियमित रूप से संचालित करने के लिए जिंदल ग्रुप से मिलने वाली बिजली से ही ये कारखाने संचालित होते आ रहे है । पिछले कुछ महीनों से कोरोना काल के बाद बिजली की आपूर्ति सही ढंग से नही होने से इस पार्क में स्थापित कुछ उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर आ गए है प्रेस वार्ता में इसी मुद्दे को लेकर रायगढ के उद्योगपति राकेश अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि हमारे पास उद्योग खोलने से लेकर बिजली की आपूर्ति तक के सभी तरह के जिंदल ग्रुप से हुए समझौते के कागजात उपलब्ध है। हम सभी उद्योगपति जिंदल समूह द्वारा की जा रही बिजली आपूर्ति को बंद कर देने से हमारे उद्योगों में ताला लग गया है कई उद्योग को बिकने के कगार पर पहुँच चुके है। मजदूरों पर बेरोजगारी का डर सता रहा है जिन उधोगपतियों ने बैंकों से कर्ज लिए है उसे पटाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली आपूर्ति बाधित करने के लिए जिंदल ग्रुप के स्थानीय अधिकारी जिम्मेदार है । वे नवींन जिंदल जैसे उद्योगपति तक इस बेहद गंभीर मुद्दे को हम लेकर जायेगे उन्हें उनके अधिकारी गुमराह कर रहे है। हाल ही में परसो एसडीएम साहब के साथ हुई द्विपक्षीय वार्तालाप 50 50 प्रतिशत की बात पर सहमति बनी लेकिन जिंदल के अधिकारियों ने बाद में कहा कि 50 प्रतिशत बिजली ही दे पाएंगे याने 300 मेगावाट से आधा 150 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर पाएंगे इतनी कम बिजली से कितने
उद्योग चल पाएंगे इसका जिंदल के अधिकारियों के पास कोई जवाब नही है हमने धोखे में रख कर हमें बेवजह परेशान किया जा रहा है । अनुबंध के आधार पर हमें जिंदल ग्रुप बिजली सप्लाई करे । नवींन जिंदल जी को उनके अधिकारी अंधेरे में रख रहे है । हम जल्द ही मामले को सुलझाने के लिए नवींन जिंदल जी से हमारे साथी उद्योगपति मिल कर आगे की बातचीत भी करेंगे । ताकि किसी उद्योग पर ताला और बेचने की नोबत न आ सके । विद्युत नियामक आयोग जिंदल को बिजली देने का आदेश दिया था लेकिन फिर भी बिजली नही दी । 23 मई को नियामक आयोग ने फिर जिंदल को 24 घँटे के अंदर बिजली सप्लाई शुरू करने के आदेश दिए इसके खिलाफ जेएसपीएल हाईकोर्ट के शरण में चला गया । वहाँ से भी जिंदल को बिजली को इन उद्योगों के लिए इसकी आपूर्ति शुरू करने के आदेश दिए । इस्पात उद्योग संघ के मुताबिक पांच साल के लिए 2018 में जिंदल से जो एग्रीमेंट हुआ तथा। उस लिहाज से जिंदल को 2023 तक बिजली आपूर्ति करनी चाहिए । संघ के मुताबिक अगर टैरिफ को लेकर कोई समस्या हो रही है तो इसके निर्धारण के लिए विद्युत नियामक आयोग इस पर निर्धारण कर सकेगा।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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