“हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, अब इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।” सांसद गोमती साय

पुलिस मौत के सौदागर सटोरियों को संरक्षण देने से बाज आये।

रायगढ़ / जशपुर। (वायरलेस न्यूज) रायगढ़ शहर के युवा व्यवसायी मयंक मित्तल द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय ने पुलिस की भूमिका को संदेहास्पद बताते हुए कहा इस मामले में दोषियों के गिरेबा तक कानून के लंबे हाथ पहुंचने में क्यों कांप रहे है l
रायगढ़ सांसद गोमती साय में इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जनसामान्य से किया एक-जुटता का आव्हान करते हुए शहर में ‘सट्टा प्रकोप’ को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार एवं पुलिस प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी। एवं कहा कि वे पूरे जिले को सट्टा बाजार से मुक्त करें। अन्यथा जन आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे।

सट्टा खाईवाली के आक्टोपसी पंजे में फंसकर शहर के तकरीबन आधा दर्जन युवा असमय काल के गाल समा गए । सट्टा में हार के तनाव की वजह से युवा मयंक को अंततः खुदकुशी करनी ही पड़ी । आधा दर्जन मामलो में पुलिसिया जांच में कार्यवाही नही किए जाने की वजह से पहली बार जन सामान्य आक्रोशित हुआ और पुलिस के खिलाफ मयंक की अंतिम यात्रा में तख्तियां लेकर अपना विरोध दर्ज कराया l सट्टे में केवल बेनामी चेहरों पर कार्यवाही कर अखनबारो के जरिए वाह वाही लूटने वाली पुलिस बड़े खाईवालो को सरक्षण प्रदान करती है l लगातार हो रही आत्महत्याओं के मामले में सांसद ने राज्य की भूपेश सरकार एवं पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली की तीखी आलोचना की है l थानों की कमान सटोरियों के हवाले होने का मुद्दा सोशल मीडिया में जोरो से उठ रहा है।उसी का यह नतीजा है कि यूवाओ को आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा l पुलिस की गलबहियां की वजह से बड़े सटोरिए बेलगाम हो चुके है l इन पर अंकुश लगाने का सही समय यही है l
श्रीमती साय ने कहा कि आसानी से उपलब्ध शराब जैसी नशे की लत व सट्टा जैसी बुराइयों ने युवाओं को नैतिक पतन की गहरी खाई में धकेल दिया है यही वजह है कि उन्हें अकाल मृत्यु का शिकार होना पड़ रहा l आधा दर्जन से अधिक युवाओं की सट्टे के चलते हुई खुदकुशी के हवाला देते हुए श्रीमति गोमती साय ने सवाल उठाया है कि पुलिस आखिर बड़े सटोरियों पर कार्यवाही से भयभीत क्यों है ?
राज्य की भ्रष्ट कांग्रेस की भूपेश सरकार एवं पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए गोमती साय ने चेतावनी हुए कहा बहुत हो चुकी अंधेरगर्दी। अब शहर में ऐसी अराजक स्थिति को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता l उन्होंने कठोर शब्दों में चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि पुलिस मौत के सौदागर बने सटोरियों को संरक्षण न दें। बल्कि उनके विरुद्ध कड़ी कारवाई हेतु प्रभावशाली अभियान छेड़े।
श्रीमती साय ने रायगढ़ शहर की जनता से आव्हान करते हुए कहा है कि इस सामाजिक बुराई के खिलाफ एक-जुटता का प्रदर्शन करें । इस मुद्दे पर वे सदैव जनता के साथ है और सड़क की लड़ाई लड़ेगी ताकि किसी दूसरे मयंक को असमय फांसी के फंदे में झूलने के लिए विवश न होना पड़े।
श्रीमती साय ने कहा कि अब समय आ गया है कि “हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।”
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