रायपुर (अमित मिश्रा संपादक वायरलेस न्यूज़) उदंती अभ्यारण्य में प्रिंस नामक वनभैसा को पिछले 6 माह से आंख में परेशानी के चलते वह चारा चरने में असहज हो चला है और दिन ब दिन काफी कमजोर होता जा रहा है,जिसके चलते उसकी तबियत बिगडती जा रही है, वन भैसों को बचाना मुस्किल लग रहा है? उक्ताशय की जानकारी तीव् सोनी ने दी।
उसकी उम्र लगभग 11 वर्ष के आसपास बताई जा है | काफी बलशाली एंव बडे बडे सिंगों वाले इस दुर्लभ वन भैसा है, जो केवल छत्तीसगढ़ और असम में ही पाया जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रिंस वनभैसा का एक आंख में लगभग दो वर्षो से इंनफेक्शन है और एक आंख से दिखाई ही नही दे रहा है।लेकिन वन विभाग इसका इलाज पर ध्यान ही दिया फलस्वरूप प्रिंस वन भैसा का दूसरा आंख भी 6 माह से बुरी तरह प्रभावित हो चला है। और अब दोनो आंख से दिखना लगभग बंद हो गया है। यह वनभैसा चरते चरते अचानक ही कहीं पर गिर पडता है। जिसकी जानकारी ग्रामीण सुत्रों से वन विभाग को मिलने के बाद उदंती अभ्यारण्य में ग्राम जुंगाड के नजदीक बनाये गये नये बाडे में इस वनभैसा प्रिंस को रखकर उसकी देखभाल किया जा रहा है | लगातार डाॅक्टरों की टीम इस प्रिंस वनभैसा के आंख के ईलाज कर रहे है, लेकिन अभी तक डॉक्टरों को सफलता नही मिल रहा है,और तो और अब वनभैसा को बाडें में रखने से और आंख नही दिखने के कारण चारा चरने खाने पीने में असहज हो चला यह वनभैसा प्रिंस दिन ब दिन कमजोर होता जा रहा है, जिसके चलते उसकी तबियत दिन ब दिन बिगडती ही जा रही है ,वन विभाग इस वन भैसा को बचाने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है लेकिन फिलहाल मुश्किल जान पड़ता है |