रामायण महोत्सव के पीछे आध्यामिक नहीं वरन राजनीतिक उद्वेश्य
अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण से भयभीत है कांग्रेस – विजय अग्रवाल
रायगढ़। पूर्व विधायक रायगढ़ विजय अग्रवाल ने एक प्रेस वक्तब्य में कहा है कि प्रभु श्रीराम जी हमारे आराध्य हैं । रामकथा का आयोजन हमारे यहां परम्परागत रूप से होता रहा हैं । रामकथा में आप हम सभी श्रद्धा व भक्तिभाव से यथा संभव शामिल हो कर कृतार्थ भी होते रहे हैं। यह सुखद है कि जो लोग रामजी के अस्तित्व को नकारतें रहे हैं वे भी अब रामायण महोत्सव का आयोजन करने की ओर उन्मुख हुए हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि राज्य सरकार के मुखिया की छबि ऐसी बन गई है कि रामजी के देश में स्वयं को रामभक्त सिद्ध करने हेतु उन्हें भांति-भांति के स्वांग रचने पड़ रहे हैं।
शोधकर्ता प्रमाणिक तथ्यों के आधार पर बताते हैं कि छत्तीसगढ़ ही दक्षिण कौशल है अर्थात माता कौशल्या जी का मायका व श्रीराम जी का ननिहाल हैं । छत्तीसगढ़ विशेषकर बस्तर का बड़ा क्षेत्र रामायण काल का दंडकारण्य है। हमारा छत्तीसगढ़ रामायण काल की अनेक घटनाओं का साक्षी रहा है। इसलिए रामकथा कई रूपों में छत्तीसगढ़ में कही, सुनी व मंचीत होती है अयोध्या में रामजी के भव्य मंदिर निर्माण व राम राज्य की कल्पना को लेकर एक लंबा संघर्ष भारतीय जनता पार्टी ने किया था। विजय अग्रवाल ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य था कि राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में मैने रायगढ़ जिले की अगुवाई की और तमाम बाधाओं को पार करते हुए हमारा जत्था अयोध्या पहुंचने में सफल रहा था।
रायगढ़ में रामकथा के मंचन का गौरवशाली अतीत रहा है। सामान्यतः यह दशहरा से पहले आरंभ होकर दशहरे के दिन रावण वध और रावण के पुतला दहन के साथ समाप्त होता है। लेकिन इस बार भूपेश सरकार भरी गर्मी में पूरे तामझाम के साथ रामायण महोत्सव का आयोजन कर रही है। कार्यक्रम की जो रूप रेखा सामने आई है उससे यह स्पष्ट रूप से प्रतीत हो रहा है कि आयोजन में श्रद्धा व आध्यात्मिकता का भाव गौण हो गया है और इसे धार्मिक दृष्टिकोण की जगह एक मेगा इवेन्ट की तरह आयोजित किया जा रहा है। यह भी साफ परिलक्षित हो रहा है कि इस आयोजन का उद्वेश्य आध्यात्मिक जागृति नहीं वरन राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि ही है। कांग्रेस के अनेक नेताओं ने समय समय पर अपने वक्तव्यों में रामजी के अस्तित्व को लेकर आपत्तिजनक बातें कहीं हैं। रामसेतु प्रकरण व राममंदिर निर्माण के समय कांग्रेस की प्रतिरोधी भूमिका से पूरा देश वाकिफ है। स्वयं मुख्यमंत्री जी के वक्तब्य दर्शाते हैं कि उनकी सरकार रामजी को केवल हमारी संस्कृति का हिस्सा भर मानती है। वे इस बात को साफ-साफ कहने से हमेशा बचते हैं कि रामजी हमारे आराध्य देव हैं और यह देश रामजी के आदर्शों पर ही चलना चाहिए। सारे तथ्य इस बात की ओर ईंगित कर रहे हैं कि भव्य राममंदिर निर्माण की शुरूवात होने से पूरे देश में जो राममय वातावरण निर्मित हुआ है उससे कांग्रेस व भूपेश बघेल जी की सरकार भयग्रस्त है। इसी भय के कारण कांग्रेस अब तरह-तरह से खुद को रामभक्त सिद्ध करने का छ्द्म प्रयास कर रही है। इवेन्ट मैनेजर्स की टीम द्वारा रायगढ़ में एक इवेन्ट की तरह रामायण महोत्सव का आयोजन भी इसी प्रयास की एक कडी है। पूर्व विधायक रायगढ़ विजय अग्रवाल ने कहा कि रामकथा के आयोजन हेतु आगन्तुक रामप्रेमी मनीषियों, कथाकारों व भक्तों के प्रति हमारी सदभावना है, रायगढ़ की पावन धरा में उनका स्वागत है। उम्मीद की जानी चाहियें कि मंच रामकथा की गरिमा के अनुकुल पूर्णतः धार्मिक, आध्यात्मिक व पवित्र बना रहेगा तथा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस पावन मंच का गैर जरूरी इस्तेमाल करके आयोजन को दूषित नहीं किया जायेगा।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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