बिलासपुर/ रायगढ़/(वायरलेस न्यूज) छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 14 सितम्बर का रायगढ़ दौरा ऐतिहासिक रहा लेकिन इसके बावजूद भाजपा कार्यकर्ताओं में कार्यक्रम संयोजकों को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला , पूरे कार्यक्रम का संयोजन पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी के ब्यवहार को लेकर भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखने को मिली । आमजन में प्रधानमंत्री के लोकप्रियता व आकर्षण का अंदाजा लगाने में विफल रहे कार्यक्रम संयोजक परिणाम स्वरूप प्रधानमंत्री को सुनने आई जनशैलाब के बैठने अथवा खड़े होने के जगह के अभाव में लाखों की संख्या में आये आमजन व कार्यकर्ताओं में भारी अक्रिस देखा जा रहा है। कार्यकर्ताओं का आरोप तो यहां तक है कि कार्यक्रम संयोजकों ने पार्टी आये पैसा बचाने के चक्कर मे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाखों की भीड़ वाले कार्यक्रम को अब्यवस्था की बलिबेदी पर चढ़ा दिये।
भारतीय जनता पार्टी के सर्वोच्च नेता व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमसभा व रैली के लिये आये पैसा बचाने के आरोपों के मध्य खास बात देखने को मिला कि जिला भाजपा द्वारा समाचार पत्रों में प्रधानमंत्री के स्वागत का विज्ञापन तक नही दिया गया।
जिला भाजपा के घोषित मीडिया प्रभारियों की स्थिति बेहद दयनीय थी । उनसे सारे अधिकार छीनकर उन्हें हाशिये पर डाल दिया गया था । मीडिया और आम-जनता को सभा संबंधित ब्रीफिंग करने वाला कोई नही था । क्षुब्ध होकर पत्रकारों ने प्रदेश भाजपाध्यक्ष की पत्रकार- वार्ता का बहिष्कार तक कर दिया । ” अंधा – बांटे रेवड़ी, चिन्ह-चिन्ह के देय ” की तर्ज़ पर विज्ञापन की बंदर-बांट की गई । पार्टी के फण्ड से इन नेताओं द्वारा खुद के रिश्ते व संबंध गांठे गए । दबे स्वर में अब इस बात की चर्चा भी हो रही है कि इस बहाने किस भाजपाई ने कितना माल दबा दिया । कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा के संभावित उम्मीदवार ओपी चौधरी की चुनावी संभावनाओं को धूमिल करने की कूटनीति के तहत ये सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से किया गया है ।

भले ही विधानसभा चुनाव की तारीख अभी घोषित नही हुई है लेकिन राजनीति उफान पर है। लेकिन भाजपा ने कुछ भी ठीक नही चल रहा है?

साथ ही साथ कलमकारों को नीचा दिखाने के लिये होटल में बैठकर ये कथित नेता अपने आपको महिमामंडित करने का प्लान बना रहे थे वह पूरी तरह एक्सपोज हो गए है। बताया यह भी जा रहा है कि करीब साढ़े 5 लाख रूपये की राशि भाजपा के एक पूर्व प्रवक्ता को दी गई थी और यह राशि मिलने से पहले भाजपा के वर्तमान प्रवक्ता ने आपत्ति भी की थी लेकिन किसी बड़े पदाधिकारी ने इस दोगले भाजपाई को आगे करके बड़ी जिम्मेदारी दे दी और यह जिम्मेदारी मिलते ही अपने आपको राजनीति का बड़ा खिलाड़ी समझने वाला कथित भाजपा नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिये कईयों को बलि का बकरा बनाते चला गया। इतना ही नही जिले के नामचीन पत्रकारों को बदनाम करते हुए अपनी पीठ थपथपाने वाला यह भाजपा नेता अपने कुछ चहेतों के साथ मिलकर ऐसी योजना बना रहा था कि उसकी राजनीति और आगे चले साथ ही साथ कुछ बड़े नेता भी निपट जाये। रायगढ़ भाजपा शहर से लेकर पूरे प्रदेश में अपनी इज्जत उड़ते देख रही है। विधानसभा चुनाव से पहले इस खेमे व गंदी राजनीति के सामने आने से यह बात साफ हो गई कि अब भाजपा के भीतर कुछ ठीक नही चल रहा है। चंूकि अपने खुद के राजनीति रसूख को बचाने के लिये वरिष्ठ नेताओं को अंधेरे में रखने का खेल खेलने वाले ये नेता नही चाहते कि कोई अच्छा नेता विधानसभा चुनाव में उतरकर भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त करे बल्कि वे खुद अपने घर के वोट भाजपा को नही दिला पाते तो कैसे वे भाजपा को जीतता देख सकते हैं। बहरहाल देखना यह है कि भाजपा की इस गिरती शाख को बचाने के लिये पार्टी के बड़े नेता ऐसे नेताओं को पहचान कर उनको बाहर का रास्ता दिखा पाते हैं या नही।
प्रधानमंत्री को सुनने पँहुचे लाखों लोगों के जनशैलाब का कार्यक्रम स्थल पँहुचने से पहले ही वापस जाने लगे। 65 हजार कुर्सियां लगाये डोम में प्रवेश हेतु सभी श्रेणी के श्रोताओं के लिये मात्र एक द्वार बनाया गया जिससे व्ही व्ही आईपी कार्डधारी सहित सभी लम्बी लम्बी कतारों में फंसे रहे।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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