हाईवे में स्पीड राइडर्स पर रख रहे पैनी नजर यातायात विभाग को मिला इंटरसेप्टर वाहन
स्पीड कंट्रोल की मानिटरिंग हुई आसान

रायगढ़। स्टेट और नेशनल हाईवे पर चार पहिया वाहनों की स्पीड कंट्रोल की मानिटरिंग के लिये यातायात विभाग के पास विशेष रूप से शासन इंटरसेप्टर इनोवा वाहन उपलब्ध कराया गया है। इस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वाहन से हाईवे मे स्पीड कंट्रोल की निगरानी करके होनें वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने यातायात अमला सतत रूप से प्रयासरत है।
स्पीड कंट्रोल के लिये बनाई गई इस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इनोवा वाहन से हाईवे पर चार पहिया वाहन चला रहे लोगों पर 2कि.मी. आगे से किसी भी गाड़ी की स्पीड को जांचा जा सकता है। इस वाहन की सहायता से खरसिया व रायगढ़ के बीच ब्लैक स्पाट पर निगरानी रखना आसान हो गया है। रायगढ़ शहर और इसके आसपास पिछले कुछ वर्षो के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। इसका प्रमुख कारण हाई स्पीड से वाहन चलाना होता है।
खरसिया-रायगढ़ के बीच गढउमरिया, छातामुडा चौक जोरापाली, कांशीचुंआ, नवापाररा, सेंद्रीपाली, कुनकुनी, मुरा चौक , नेशनल हाईवे में ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हांकित है। इसी तरह स्टेट हाईवे में सारंगढ़ रोड के पटेलपाली, कोड़ातराई, बघनपुर, सिसरिंगा घाट धर्मजयगढ़ रोड़, दर्रीपारा लैलूंगा रोड़, देवगढ़, फगुरम इस तरह कुल 16 ब्लैक स्पाट चिन्हांकित किए गए हैं। कुल मिलाकर नेशनल हाईवे में 10 स्टेट हाईवे में 04 तथा अन्य दो स्थानों को जिले में ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हांकित किया गया है यातायात डीएसपी रमेश चंद्रा ने इस इंटरसेप्टर वाहन व इसमें लगी मशीन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रायगढ़ यातायात पुलिस थाना को यह वाहन पुलिस मुख्यालय से गत 12 जुलाई को मिला है जिससे जिले के इन संवेदनशील और अति संवेदनशी चौक-चैराहों पर अलग-अलग समय में और अलग-अलग स्थानों पर लगाकर निगरानी रखी जा रही है। इस वाहन में लगा मशीन किसी भी गाड़ी की स्पीड को 2 कि.मी. आगे से कैच कर लेता है। फिर उस गाडी चालक को रूकवाकर स्पीड के मानक के अनुसार समझाईश देकर या जुर्माना लगाकर छोड़ा जाता है। यह प्रमाणित साक्ष्य होता है। जिससे वाहन चालक भी इंकार नही कर पाता।
विभाग ने अब तक पिछले डेढ़ माह के दौरान 56 प्रकरणों में लगभग 70 हजार का जुर्माना ठोंककर विभाग का राजस्व बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इस वाहन के प्रति लोगों में विशेषकर वाहन चालकों में जागरूकता लाकर सड़क दुर्घटनाओं में कारगर अंकुश लगाया जा सकता है। हाइवे पर स्पीड कंट्रोल के लिये यह वाहन यातायात विभाग के लिये रामबाण औषधि की तरह है जिससे होनें वाली दुर्घटनाओं तथा मृतकों व घायलों की संख्या को कम से कम किया जा सकता है।