Breaking: (वायरलेस न्यूज नेटवर्क) मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन, मुंबई के ब्रिज कैंडी हॉस्पिटल में थे भर्ती, पीएम मोदी,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया शोक
मुंबई। नहीं रहे उद्योगपति रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस। देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का देर रात निधन हो गया उनके निधन के बाद पूरे देश के व्यापारी जगत में शोक की लहर फैल गई आपको बता दें बीते दिनों से बीमार चल रहे उद्योगपति रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। जहां आज देर रात उनका निधन हो गया। 86 वर्ष के रतन टाटा उद्योग जगत के मशहूर उद्योगपति में से एक थे। बहुत ही कम उम्र में रतन टाटा ने बिजनेस जगत में कदम रखा और देश के मशहूर उद्योगपति में शामिल रहे। आज रतन टाटा का दुखद निधन हो गया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है उन्होंने लिखा कि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “रतन टाटा के निधन से दुखी हूं। वह भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज थे, जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्रीज़ और समूह की अन्य होल्डिंग कम्पनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपान्तरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे।
1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार सम्भाला। टाटा ने पुराने गार्डों को बहार निकाल दिया और युवा प्रबन्धकों को जिम्मेदारियाँ दी गयीं। तब से लेकर, उन्होंने, टाटा ग्रुप के आकार को ही बदल दिया है, जो आज भारतीय शेयर बाजार में किसी भी अन्य व्यापारिक उद्यम से अधिक बाजार पूँजी रखता है।
रतन के मार्गदर्शन में, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस सार्वजनिक निगम बनी और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुई। 1998 में टाटा मोटर्स ने उनके संकल्पित टाटा इंडिका को बाजार में उतारा.
31 जनवरी २००७ को, रतन टाटा की अध्यक्षता में, टाटा संस ने कोरस समूह को सफलतापूर्वक अधिग्रहित किया, जो एक एंग्लो-डच एल्यूमीनियम और इस्पात निर्माता है। इस अधिग्रहण के साथ रतन टाटा भारतीय व्यापार जगत में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गये। इस विलय के फलस्वरुप दुनिया को पाँचवाँ सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक संस्थान मिला।
रतन टाटा का सच हुआ सपना उनकी टाटा नैनो कार २००८
रतन टाटा का सपना था कि 1,00,000 रु की लागत की कार बनायी जाए। (1998 : करीब .अमेरिकी डॉलर 2,200; आज अमेरिका). नई दिल्ली में ऑटो एक्सपो में 10 जनवरी, २००८ को इस कार का उदघाटन कर के उन्होंने अपने सपने को पूर्ण किया। टाटा नैनो के तीन मॉडलों की घोषणा की गई और रतन टाटा ने सिर्फ 1 लाख रूपये की कीमत की कार बाजार को देने का वादा पूरा किया, साथ ही इस कीमत पर कार उपल्बध कराने के अपने वादे का हवाला देते हुये कहा “वादा एक वादा है”
26 मार्च २००८ को रतन टाटा के अधीन टाटा मोटर्स ने फोर्ड मोटर कम्पनी से जगुआर और लैण्ड रोवर को खरीद लिया। ब्रिटिश विलासिता की प्रतीक, जगुआर और लैंड रोवर (Land Rover) 1.15 अरब पाउण्ड ($ 2.3 अरब),[3] में खरीदी गई।
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