बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) महाराष्ट्र मध्यप्रदेश स्थित पेंच टाइगर रिजर्व से 2022 से निकली बाघिन छत्तीसगढ बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व में आकर बस गई है, वह सालभर से अपना स्थाई निवास यहां बना चुकी है। इस बाघिन को 2023 पिछली टाइगर सेंशस के दौरान केमरे में ट्रैप हुई थी ।

(पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन अब अचानकमार की हुई)

इस बाघिन को पेंच टाइगर रिजर्व में अंतिम बार देखा गया था लेकिन उसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा,वहीं टाइगर सेल देहरादून के रिकार्ड में 2022 में कान्हा नेशनल पार्क में देखा गया था और वही से उसने अचानकमार टाइगर रिजर्व का रुख कर ली,और उसने अपना सुरक्षित रहवास बना ली है।

बाघिन 2022 से 24 के बीच अब तक 400 किलोमीटर चल चुकी है। अब उसको यहां की आबोहवा रास आ गई है और स्थाई तौर पर रह गई है। 2023 के पिछली टाइगर सेंशस के दौरान एक टाइगर अतिरिक्त दिखाई दिया तब प्रबंधन ने टाइगर सेल को जानकारी भेजी थी , तभी वही से ज्ञात हुआ कि यह बाघिन तो पेंच टाइगर रिजर्व से लापता हुई थी वही है। जिसे 2022 में ही कान्हा में भी देखा गया था।

एटीआर में इसके पहले भी आते रहे है :

ऐसा पहली बार नही हुआ है इसके पहले भी अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघ के आने के सूचना है ज्यादातर टाइगर कान्हा और बांधवगढ़ से आते रहने की जानकारी टाइगर सेल को है, इसके पहले वायरलेस न्यूज ने 2021 में पहली बार बांधवगढ़ से लापता हुई रजनी नाम की बाघिन की जानकारी सर्वप्रथम प्रकाशित किया था जो अचानकमार पहुंच गई थी।

दूसरे टाइगर रिजर्व से अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों का आना जाना बेहतर संकेत इसी लिए कान्हा नेशनल पार्क , अचानकमार टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ को बाघ कारीडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। लेकिन ये पहली बार है की अब पेंच टाइगर रिजर्व भी जुड़ गया है। इसी प्रकार वो दिन भी आएगा जब तड़ोबा टाइगर रिजर्व के भी बाघ भी पहुंचने लगेंगे। वैसे तड़ोबा के बाघ राजनांदगांव में और ओडिसा के बाघ गरियाबंद में अनेकोबार देखा जा चुका है।