महामाया मन्दिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने सेशन कोर्ट में लगाया अग्रिम जमानत याचिका, हुआ खारिज
बिलासपुर/ रतनपुर- (वायरलेस न्यूज़) /महामाया कुंड में कछुओं की मौत के मामले में आरोपो से घिरे महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जो गुरुवार को खारिज हो गई। इधर सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर जिला कलेक्टर ओर वन विभाग के सचिव से 9 अप्रेल को जवाब पेश करने को कहा गया है।
क्या है पूरा मामला
आरोप है कि महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा द्वारा कथित रूप से महामाया कुंड में दुर्गंध को देखते हुए कुंड की सफाई के लिए कुंड में मौजूद मछलियो के शिकार का ठेका स्थानीय अपने चहेते को दिया गया था, जिनके द्वारा संदिग्ध तरीके से 22 मार्च की रात कुंड में जाल डालकर मछली पकड़ा गया। सीसीटीवी के कैमरे से मिले फुटेज बता रहे हैं की रात को गुपचुप तरीके से कुछ लोग मछली पकड़ने पहुंचे। बाकायदा चौकीदार ने गेट खोलकर उन्हें प्रवेश दिया। इन लोगों ने मछली पकड़ा और कई बोरों में मछली भरकर ले गए।
इधर घटना के तीन दिन बाद यानी 25 मार्च की सुबह महामाया कुंड के पास जाल में फंसे 23 मृत कछुए मिले। माना जा रहा है की मछली का शिकार करने वालों ने कुंड में जाल फैलाया था जिसमें फंसकर इन कछुओ की मौत हुई है। वही जानकार यह भी बता रहे हैं कि इस कुंड में सैकड़ो की संख्या में कछुए थे । मृत कछुओं की संख्या तो 23 ही है, मछलियों के साथ शिकारी सैकड़ो कछुओ को भी पकड़ कर ले गए हैं।
इधर अपना बचाव करते हुए मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा कह रहे हैं कि उन्होंने तो कुंड की सफाई के लिए ही यह आदेश दिया था जबकि सत्य तो यह है कि मछली और अन्य जलीय जीव लगातार पानी की सफाई में अपना योगदान देते हैं। यह भी कहा जा रहा है की मछली को बेचकर हासिल रुपए मंदिर ट्रस्ट में जमा किए गए हैं। मछली और कछुओ को बेचकर अधर्म से हासिल रुपयों को मंदिर ट्रस्ट जैसे धार्मिक कार्य के लिए जमा करने से भी लोग उत्तेजित है। इधर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि जब यह कुंड रतनपुर नगरपालिका परिषद के अधिकार क्षेत्र में है तो इसकी सफाई का आदेश सतीश शर्मा ने किस अधिकार से दिया ?
अब तक वन विभाग और पुलिस की कार्यवाही में पकड़े गए लोगों ने साफ-साफ कहा कि उन्होंने सतीश शर्मा के कहने पर यह काम किया था इसलिए गिरफ्तारी से बचने के लिए सतीश शर्मा ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। हालांकि अब तक उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है और वे चैत्र नवरात्रि के दौरान सामान्य तरीके से ही मंदिर परिसर में नजर आ रहे हैं । इधर गुरुवार को सेशन कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो जाने से यह माना जा रहा है कि उनके कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी के है। अब निगाहें हाई कोर्ट में 9अप्रेल को क्या जवाब पेश किया जाएगा इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है । इधर अग्रिम जमानत खारिज होने के पश्चात सतीश शर्मा के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है। यह भी माना जा रहा है कि नवरात्रि के बाद इस मामले में पुलिस और वन विभाग मामला दर्ज कर सकती है जिसके बाद कुछ लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
क्या उन लोगों में मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा भी होंगे, यह बड़ा सवाल है।
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