कानन पेण्डारी मे क्या गड़बड़झाला इसकी जानकारी सीजेडए को नहीं ?

बिलासपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज़) कानन जू मे आज सीजेडए निरीक्षण के लिए पहुँच रहे है और वे निरीक्षण उपरांत जू का अपग्रेडेशन करेंगे। सीजेडए भी केवल यहाँ आ खानापूर्ति कर लौट जाते हैं क्यों खामियों को उजागर कर सुधारने का निर्देश देना चाहिए?

जू में वन्यजीवों की संख्या के साथ ही उनकी सेहत की जानकारी रखने इन्वेंट्री मेंटेन की जानकारी सीजेडए के पास भेजी जाती हैं। इन्वेंट्री हर तीन माह के साथ वार्षिक तैयार की जाती है।
कानन पेण्डारी जू प्रबंधन ने पिछले तीन वर्षो से इन्वेंट्री मेंटेन कर जानकारी सीजेडए के पास नहीं भेजी है। एैसे मे सीजेडए के अधिकारी जू प्रबंधन को इन्वेंट्री भेजने लगातार पत्र भी दे रहे हैं। बावजूद भी जू प्रबंधन जानकारी देने से बच रहा है इसके पीछे वो कोनसा राज छुपाना चाहते हैं। ऐसे में जू प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
जू प्रबंधन के द्वारा सीजेडए के पास हर तीन महीने में भेजे जाने वाले इन्वेंट्री में जू में वन्यजीवों की संख्या के साथ उनकी सेहत से सम्बन्धित विस्तृत रिपोर्ट रहती है। इसके साथ ही जू में कितने तथा किस प्रजाति के वन्य जीव का ब्रिडिंग होना है , इसकी भी जानकारी दी जाती हैं। वार्षिक रिपोर्ट में सालभर में कितने वन्य जीवों की मौत हुई है, किस प्रजाति की वन्य जीवों की संख्या सरप्लस हुई है, इसके अलावा एक साल में किन प्रजाति के वन्य जीवों का किसी दूसरे जू से एक्सचेंज किया गया है, इसकी जानकारी सीजेडए को दी जाती है।
जानकारों के मुताबिक जू प्रबन्धन द्वारा इन्वेंट्री मेंटेन नहीं किए जाने का असल कारण वन्य जीवों की संख्या को छिपाना है। जू में आए दिन वन्य जीवों का अकाल मृत्यु होती रहती है , इस बात की जानकारी मृत वन्य जीवों का अंतिम संस्कार होने के बाद जू के बाहर लोगों को मिल पाती हैं। इन्वेंट्री मेंटेन नहीं होने की वजह से जिम्मेदार मरे हुए वन्य जीवों के आकंड़ों मे हेराफेरी कर बचाव का रास्ता निकाल लेते है और ऐसा ही कानन जू के अकरमन्य डीएफओ इसी बात मे दिमाग लगाए रहते हैं और कमाई कार्य में इनका दिमाग ज्यादा लगा रहता है ये केरल के अधिकारी छत्तीसगढ़ को अपना? चारागाह समझते हैं! Samj कार्यकाल में अनेकों वन्य जीवों की मौत हो चुकी है जिनका इनको कभी परवाह ही नही ?
ये जहाँ भी रहे हमेशा विवादों में ही रहे हैं ऐसा प्रदेश वन्य जीव सलाहकार मंडल के सदस्य जी एस अग्रवाल ने भी वायरलेस न्यूज़ को बताया है। आप जब भी किसी विषय को लेकर जानकारी चाहेंगे तो मोबाइल ही नही उठाते हैं हमेशा बचना चाहते हैं।

*कानन पेण्डारी जू में एक करोड़ का भुगतान बिना कार्य ठेकेदार को करने डीएफओ ने दिया ?

कानन पेण्डारी जू में पिछले कार्य काल का एक करोड़ रु.का बजट लेप्स हो गया था जिसे किसी तरह डीएफओ ने आनन फानन मे एक ही दिन में 10 कार्यों का बजट कागज मे तैयार कर सकरी के अपने चहेते होटल ब्यवसायी को बिल बनवाकर बिना कार्य प्रारंभ किए भुगतान कर दिया है जो की बढ़ी गंभीर किस्म का आर्थिक अपराध है ?

वायरलेस न्यूज़ को जैसे ही जानकारी लगी वैसे ही कार्य भी आनन फानन चालू कर दिया गया है जबकि कार्य के पहले ही भुगतान कर दिया गया है क्या ये सब EOW को दिखाई नही देता है?
कार्य जो इनके द्वारा प्रारंभ किए गए हैं वह इस प्रकार है- पुराना रेस्क्यू सेंटर मरम्मत राशि 4 लाख रु.,

स्नेक पार्क मरम्मत 1.50 रु. , चिंकारा केज के ड्राई मोड का RCC 6 लाख रु., गोर्राल केज और थामिन डियर केज पानी निकासी चैंबर निर्माण 2 लाख रु., बारहसिंगा के सामने बैरिकेटिंग निर्माण 1.50 रु., सांभर केज हेतु नाइट सेल्टर निर्माण 18 लाख रु., वार्किंग डियर केज के सामने बेरेकेटिंग 1.50 लाख रु. ,

हाग डियर केज ड्राई मोड मे RCC वाल 6 लाख रु. , चौसिंगा केज के पीछे मुरुम टैपिंग 1.75 लाख रु. अभी भी एक ट्रेकटर मुरुम bhi नही गिराया गया है जो अभी देखा जा सकता है। इसी प्रकार शाकाहारी वन्य जीव के सामने केज निर्माण भी शामिल हैं।
ये सभी कार्य डीएफओ ने 19 मार्च को सेनशंन किया और 24 मार्च को निर्माण भी ख़तम दिखा दिया है! क्या उच्च विभाग के अधिकारियोँ को दिखाई नही देता है अथवा इस कृत्य मे वे भी शामिल रहते है?