रायगढ़ (अनिल आहूजा वायरलेस न्यूज़)

राष्ट्रीय स्तर पर सी. ए. फाइनल जनवरी 2021 परीक्षा का परिणाम रविवार को घोषित हुआ जिसमें रायगढ़ ऑटोमोबाइल प्राइवेट लिमिटेड के संचालक एवं समाजसेवी श्री मनोज अग्रवाल (होंडा) की सुपुत्री अनुशिखा अग्रवाल ने मात्र 22 साल की उम्र में अपने प्रथम प्रयास में ही चार्टर्ड अकाउंटेंसी की फाइनल परीक्षा में दोनों ग्रुप पास कर सी.ए. बन गई है। आई पी सी सी की परीक्षा में भी अनुशिखा ने प्रथम प्रयास में ही सफलता हासिल की थी। इस बार सीए फाइनल में पूरे भारत में दोनों ग्रुप एक साथ पास करने वाले मात्र 592 विद्यार्थी ही रहे एवं सफल छात्रों का प्रतिशत मात्र 6% ही रहा है।।

अनुशिखा शुरू से मेघावी रही है ।उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई ओपी जिंदल स्कूल रायगढ़ से की जहां उसे *एक्स्ट्राऑर्डिनरी कंट्रीब्यूशन टू द स्कूल* अवार्ड से सम्मानित किया गया था। पढ़ाई के साथ साथ अनुशिखा महज 8 साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना चालू कर, कम उम्र में ही बैडमिंटन के बड़े मुकाम पर पहुचते हुए 8 बार राज्य स्तरीय एवं 6 बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया। अनुशिखा ने आई पी सी सी की पढ़ाई रायपुर से एवं फाइनल की पढ़ाई मुंबई से की जहां पर पढ़ाई एवं खेल दोनों में ख्याति अर्जित करते हुए आर वी जी एजुकेशनल फाउंडेशन की बेस्ट स्टूडेंट ऑफ द ईयर अवार्ड प्राप्त किया और साथ ही साथ सीए इंस्टीट्यूट के वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल की बैडमिंटन प्रतियोगिता में एकल एवं युगल दोनों में विजेता का खिताब जीता।

अनुशिखा अपने सफलता का श्रेय अपनी माता रेखा, पिता मनोज अग्रवाल(होंडा), बड़े पिताजी श्री किशन अग्रवाल (अभिलाषा), चाचा श्री विजय हरि अग्रवाल (घरघोड़ा) एवं शिक्षकों को देती हैं जिनके सफल मार्गदर्शन से वह सफलता के इस मुकाम तक पहुंची हैं। साथ ही साथ बैडमिंटन खेल में अपने सफलता का संपूर्ण श्रेय अपने गुरु श्री अकरम खान को देना चाहती हैं। अनुशिखा को अपने फूफा श्री आशीष गोयल जी (गोयल ऑटो) एवं श्री पंकज अग्रवाल जी (होंडा) से भी समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है। अनुशिखा सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेने में रुचि रखती हैं।। भविष्य में एक अच्छे इंस्टीट्यूट से एम.बी.ए कर एक सफल उद्यमी बनने की इच्छा रखती है। आगे आने वाले सी. ए के विद्यार्थियों को यह संदेश देना चाहती है की आत्मविश्वास, निरंतर परिश्रम और दृढ़ निश्चय से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है बशर्ते आप जो भी काम कर रहे है उसको अपनी इच्छा से करें एवं अपने काम से प्यार करने लग जाएं।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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