अनुपपुर (वायरलेस न्यूज़) रेल सुरक्षा बल अनुपपुर ने प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त के दिशा निर्देश पर आगजनी रोकने के लिए मंडल के तमाम स्टेशनों में लोगो मे जनजागरूकता

अभियान के तहत ज्वलनशील पदार्थो को ट्रेनों में सफर के दौरान वर्जित करने, फायर सेफ्टी ड्राइव कार्यक्रम के तहत अब आरपीएफ की नुक्क्ड़ टीम द्वारा नुक्क्ड़ नाटक के माध्यम से विशेष अभियान चलाया जा रहा है । इस संबन्ध में अनुपपुर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक एमएल यादव ने बताया कि बिलासपुर मंडल के आरपीएफ मंडल के तमाम स्टेशनों में प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त ए एन सिन्हा के मार्गदर्शन में जनता एवं यात्रियों मे जनजागरूकता अभियान के तहत ज्वलनशील पदार्थो जैसे गैस सिलेंडर ,पेट्रोल,पटाखे,मिट्टी तेल , सिगरेट और धूम्रपान की वस्तुएं को ट्रेनों में सफर के दौरान न ले जाये जिससे कभी भी ट्रेन में बड़ी दुर्घटना घट सकती है इसकी रोकथाम के लिए 24 मार्च से 31 मार्च तक फायर सेफ्टी ड्राइव अभियान के तहत अनुपपुर रेल्वे स्टेशन में यात्री ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को अलर्ट कर जनजागरूकता चलाया जा रहा है आरपीएफ मुख्यालय बिलासपुर से आई विशेष टीम जिसका नेतृत्व निरीक्षक प्रभारी आरपीएफ पोस्ट नागभीड़ पी सी शर्मा , उपनिरीक्षक एम एस चेलम आरपीएफ पोस्ट डोंगरगढ़,प्रधान आरक्षक द्वय प्रकाश राय सेदाम कामठी पोस्टनागपुर ,एम के मिश्रा चाम्पा, डी के डनसेना अनुपपुर पोस्ट ,एम के राजवाड़े बिलासपुर पोस्ट ने अनुपपुर रेल्वे स्टेशन परिसर में जागरुकता पोस्टर के साथ नुक्क्ड़ नाटक करके यात्रियों को जागरूक किया। नुक्क्ड़ टीम में निरीक्षक पीसी शर्मा मदारी के वेश में थे और मदारी बनकर नाटक दिखा रहे थे ये नुक्क्ड़ टीम अपने कार्य को बखूबी निभा रही है इनको देखने एक बारीकी यात्री भी खड़े होकर नुक्क्ड़ टीम की समझाइश को देख कर समझ रहे थे । इस नुक्क्ड़ टीम ने अब तक 24 मार्च से बिलासपुर जोन स्टेशन,रायपुर मंडल ,भिलाई पॉवर हाऊस, दुर्ग,राजनांदगांव, गोंदिया,चाम्पा ,रायगढ़ ,अनुपपुर जैसे महत्त्वपूर्ण रेल्वे स्टेशनों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए नुक्क्ड़ नाटक किया है।आर पी एफ की विशेष नुक्क्ड़ टीम का यह प्रयास सराहनीय कदम है, विदित हो कि कुछ दिनों पूर्व देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस में आगजनी की घटना हुई थी जिसके बाद से ही रेलवे का अमला सतर्क हो गया है तथा हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि इस प्रकार की अवांछित घटनाओं से बचा जा सके।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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