अमरकंटक में कोटितीर्थ, रामघाट, पुष्करडैम की अपवित्रता का दोषी कौन

अमरकंटक प्रशासन स्पष्ट करे कि श्रद्धालु कोटि तीर्थ, रामघाट ,पुष्कर डैम मे स्नान करें या ना करें

( मनोज कुमार द्विवेदी, अनूपपुर, मप्र )

अनूपपुर / आज एक दैनिक समाचार पत्र ने अमरकंटक मां नर्मदा उद्गम स्थल परिसर से लगे कोटि तीर्थ कुण्ड से संबंधित एक शर्मनाक और दुखद खबर का प्रकाशन करके समाज का ध्यानाकर्षण किया है। इस खबर के अनुसार कोटि तीर्थ कुण्ड के नर्मदा जी मे अभी भी मल मूत्र गिराया जा रहा है। यदि खबर मे सच्चाई है तो यह बहुत ही दुखद, शर्मनाक और आपराधिक मामला है।

मैं रक्षा बंधन के दिन श्रावणी महोत्सव के पावन अवसर पर अमरकंटक मे था और सैकडों लोगों के साथ दस विधि पावन स्नान करके नर्मदा जी मे डुबकी लगाई थी और आचमन किया था। यद्यपि मन्दिर के पूज्त पण्डे – पुजारियों ने स्वयं नर्मदा कुण्ड मे स्नान किया था। यह परंपरा है और मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
आज यह खबर पढने के बाद मैं चिंतित हूँ और अमरकंटक मे नर्मदा मैया की ऐसी दशा करने के लिये शर्मिंदा भी हूँ । मैनें आज प्रात: कलेक्टर श्री हृर्षल पंचोली सर को व्हाट्स एप के माध्यम से निवेदन किया है कि ये हम सब के लिये बहुत चिंता और शर्म की बात है। अमरकंटक नर्मदा मंदिर के पंडा – पुजारी स्वयं तो प्रतिबंध के बावजूद नर्मदा उद्गम कुंड मे स्नान करते हैं। और बाकी हम जैसे हजारों श्रद्धालु कोटि तीर्थ और राम घाट मे मल मूत्र वाले नर्मदा जी मे स्नान और आचमन करते हैं। यदि अमरकंटक नगर प्रशासन को ज्ञात है कि STP नगर मे काम नहीं कर रहा है और नगर का मल – मूत्र अभी भी नर्मदा जी मे गिराया जा रहा है तो वह श्रद्धालुओं को इसकी जानकारी क्यों नहीं देता कि श्रद गण रामघाट, कोटितीर्थ पुष्कर मे स्नान, आचमन ना करें‌ । नगर पंचायत, अमरकंटक विकास प्राधिकरण वहाँ बडे – बडे बोर्ड लगवा कर लोगों से अपील करे कि कृपया मन्दिर कुण्ड मे आचमन ,पूजन कर लें। मन्दिर के पण्डा पुजारियों को भी महापाप से बचने के किये अमरकंटक नर्मदा मन्दिर आने वालों को कुण्ड मे ही पूजन , आचमन की जानकारी क्यों नहीं देना चाहिए ?
श्रद्धालु, पर्यटक अमरकंटक नर्मदा मैया के दर्शन ,पूजन कर पुण्य अर्जित करने आते हैं। वो अनजाने मे दूषित अपवित्र नर्मदा जल मे स्नान ,आचमन कर रहे हैं। उनका तो कोई दोष नहीं है। लेकिन जिन्हे यह सब पता है और वो लोग चुप्पी साधे हुए हैं तो पुण्य के भागीदार तो वो भी नहीं हैं।
जिला प्रशासन, अमरकंटक विकास प्राधिकरण ,नगर पंचायत और अमरकंटक के जिम्मेदार लोगों से मेरी प्रार्थना है कि कृपया नर्मदा जी के उद्गम स्थल पर नर्मदा पवित्र और शुद्ध रहें ,इस हेतु कुछ तो ठोस कदम जरुर उठाइये। नर्मदामैया से अत्यंत खेद और क्षमा याचना सहित।
कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने आश्वस्त किया है कि वो आज ही इसका निरीक्षण करवा कर उचित कार्यवाही करेंगे।