आपरेशन नन्हे फरिश्ते…………… 68 घर से भागे /भटके एवं परिजन से बिछडे नाबालिक बच्चे का रेस्क्यू कर आरपीएफ ने मानवतावादी सोच को चरितार्थ किया बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया जाता है।
नागपुर । वायरलेस न्यूज नेटवर्क। रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे/नागपुर मण्डल द्वारा वर्ष 2025 में अभी तक ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते एवं ऑपरेशन डिग्निटी के तहत नाबालिग बच्चों एव वयस्क व्यक्तियो 68 को सफलता पूर्वक रेस्क्यू मानवीय संवेदना के तहत एक सफल आपरेशन चलाकर आरपीएफ का सीना गर्व से ऊंचा कर दिया है।
आरपीएफ मंडल मुख्यालय नागपुर से मिली जानकारी के अनुसार दीप चंन्द्र आर्य, मंडल सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, नागपुर मंडल के मार्गनिर्देशन में रेसुब नागपुर मण्डल द्वारा वर्ष 2025 में ‘नन्हे फरिस्ते’ एवं ऑपरेशन डिग्निटी नामक अभियान चलाकर मंडल द्वारा निरंतर कार्यवाही जारी है – इस मिशन के तहत घर से भागे /भटके एवं परिजन से बिछडे नाबालिक बच्चे जो रेल परिक्षेत्र में पाए जाते हैं उनकी देखभाल और सुरक्षा की ज़रूरत तथा उनको बचाने के लिए भारतीय रेलवे समर्पित है। नागपुर मंडल द्वारा अभी तक ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत 67 बच्चों ( जिसमें 40 नाबालिक लडके एवं 27 नाबालिक लडकियां) तथा ऑपरेशन डिग्निटी के तहत 19 वयस्क महिला एवं पुरूष को रेस्क्यू किया गया। वर्ष 2025 में अभी तक रेलवे सुरक्षा बल नागपुर मंडल द्वारा स्टेशनों और ट्रेनों में 67 बच्चों को जोखिम से तथा खतरे में पड़ने से बचाया है।
*“ नन्हे फरस्ते’ सिर्फ़ एक ऑपरेशन नहीं है ”* यह उन हज़ारों बच्चों के लिए जीवन रेखा है जो खुद को ख़तरनाक विकट परिस्थितियों में पाते हैं। वर्ष 2025 अभी तक का डेटा अटूट समर्पण, अनुकूलनशीलता और लचीलेपन की कहानी को दर्शाता है। प्रत्येक नाबालिक बच्चों का बचाव समाज के सबसे कमज़ोर सदस्यों की सुरक्षा के लिए RPF की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
*वर्ष 2025* में अभी तक रेलवे सुरक्षा बल नागपुर मंडल द्वारा कुल 67 बच्चों को बचाया गया है, शुरुआती रुझान ऑपरेशन ‘नन्हे फरिस्ते’ के लिए निरंतर प्रतिबद्धता का संकेत देते हैं। ये संख्याएँ बच्चों के घर से भागने की समस्या और उन्हें संबोधित करने के लिए आरपीएफ के समर्पित प्रयास दोनों को दर्शाती हैं।
अपने प्रयासों के माध्यम से, रेलवे सुरक्षा बल ने न केवल बच्चों को बचाया है, बल्कि भागे हुए और लापता बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई है, जिससे आगे की कार्रवाई और विभिन्न हितधारकों से समर्थन प्राप्त हुआ है। यह अभियान लगातार नई चुनौतियों के अनुकूल विकसित हो रहा है और भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क में बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास है।
ट्रैक चाइल्ड पोर्टल में पीड़ित बच्चों के बारे में विस्तृत जानकारी है। जब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा किसी बच्चे को बचाया जाता है, तो नियमानुसार कार्यवाही करते हुए उसे जिला बाल कल्याण समिति को सौंप दिया जाता है तथा बाल कल्याण समिति के द्वारा उन बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया जाता है।
रेलवे सुरक्षा बल सभी सम्मानीय नागरिको एवं यात्रियों से अपील करता है कि रेल गाडीयो तथा रेल परिसर मे किसी नाबालिक बच्चे को जो अपने परिजनो से बिछड गये है या घर से भागे होने की आशंका है अथवा अन्य कोई संदेहजनक स्थिती मे पाये जाने पर इसकी सूचना कार्यरत रेसुब, शासकीय रेल पुलिस, अन्य रेल कर्मचारी अथवा नजदीकी रेसुब, शासकीय रेल पुलिस थाने मे तत्काल दे जिससे बच्चो को गलत हाथो मे जाने से बचाया जा सके व उनके परिजनो तक बच्चो को सही सलामत पहुचाया जा सके । रेलवे सुरक्षा बल की इस पहल मे आप भी भागीदार बनकर किसी बच्चो को बचाने मे सहयोग प्रदान कर अपने भारतीय होने का गौरव प्राप्त करे।
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