बचाव ही एकमात्र उपाय,इसलिए कोरोना अनुरूप व्यवहारों का पालन आवश्यक: सीएमचओ
रायगढ़ 12 अप्रैल
जिले में 14 अप्रैल से 22 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है। बीते साल भी इस समय लॉकडाउन ही था लेकिन उस समय तक जिले में एक भी मामला सामने नहीं आया था, उस समय लॉकडाउन कोरोना वायरस को रोकने के लिए था लेकिन इस बार लॉकडाउन कोरोना संक्रमण के फैले चेन को तोड़ने के लिए किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अनुमान लगाया है कि आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण और बढ़सकता है और इसको रोकने के लिए ही लॉकडाउन का विकल्प चुना गया है।
जिले में अभी तक 20 फीसदी से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। करीब 2.5 लाख लोग टीका लगा चुके हैं जो राज्य में रायगढ़ को पहले से दूसरे स्थान पर बनाए हुए है। पुसौर और बरमकेला में पात्र लोगों को शतप्रतिशत टीका लग चुका है। शहरी क्षेत्र में टीकाकरण की दर को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार शिक्षकों और मितानिन की बैठकें ले रहा है।
जिले में फिलहाल 410 ऑक्सीजन युक्त बेड है जिसे 800 बेड तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सारंगढ़, केआईटी कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में कोविड केयर खुल गया है। एमसीएच में इस वक्त 30 बेड में ही ऑक्सीजन उपलब्ध है जिसे कुछ दिनों में 100 तक कर लिया जाएगा।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि कोरोना के इलाज में महत्वपूर्ण दवाई रेमडेसिवीर का उपयोग सिर्फ गंभीर मरीज के लिए ही किया जाना उचित है । इसलिए कम लक्षणों के कोरोना मरीजों को इसका उपयोग करने से बचना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा गंभीर मरीजों को इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और उनकी जिंदगी बचाई जा सके ।
सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी ने डॉक्टर्स से अपील की है कि मरीजों की पऱेशानी को देखते हुए सुगमता से मिलने वाली दवाईयां को ही लिखें इससे हम संक्रमण को रोक सकते हैं। दवा के फॉर्मूले की दूसरी दवा जो बाजार में उपलब्ध है उसे ही लिखें ताकि लोगों को दवा लेने के लिए ज्यादा बाजार न जाने पड़े जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है|
स्वास्थ्य विभाग की जिला कार्यक्रम प्रबंधक भावना महलावर बताती हैं, “कोरोना संक्रमण पूरी रफ्तार से फैल रहा है। इस समय सिर्फ सावधानी ही बचाव है। हम बीते डेढ़ साल से लोगों को यह समझाते आ रहे हैं कि दो गज दूरी मास्क है जरूरी, फिर भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं। इस बार खतरा पहले से बढ़कर है, । इसलिए लोगों को अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोरोना अनुरूप व्यवहारों को अपनाना ही चाहिए। इसके अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है”।
बचाव ही एकमात्र उपाय, कोरोना अनुरूप व्यवहारों का पालन अनिवार्य: सीएमचओ डॉ. केसरी
सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी ने बताया “सीएमसी वेल्लूर के द्वारा यह जानकारी साझा की गई है कि इस बार जो कोरोना वायरस है वह पहले से ज्यादा संक्रामक है और इसके लक्षण भी नए है। इसमें लोग खांसते नहीं है बुखार नहीं होता, सिर्फ सीने में दर्द होता है, कमजोरी होती है, भूख नहीं लगता और निमोनिया हो जाता है। आप सभी लोग बहुत सावधान रहिए। यह वायरस नाक में नहीं रहता है सीधे फेफड़े में प्रभाव डालता है। इसलिए जो विंडो पीरियड है नेजल्स से लंग्ज में जाना का उसे कम टाइम मिल पाता है इसलिए बीमारी भी जल्दी होती है। इसलिए सभी लोगों से निवेदन है सतर्क रहें, अपने आप को बचाएं, भीड़ वाली जगहों पर न जाएं, हमेशा मास्क पहनें और शरीर के अंगों को ढंककर रखें। यह जानकारी सभी लोग अधिक से अधिक लोगों को दें क्योंकि इसका इलाज अभी तक नहीं आया है और, इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है इसलिए कोरोना अनुरूप व्यवहारों का पालन आवश्यक रूप से करना ही चाहिए ।“
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