1 साल तक के बच्चों को तीन चरणों में दी जाएगी वैक्सीन : डॉ. भानू पटेल

5 जून, 2021 रायगढ़, बच्चों को निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचाने को जिले में न्यूमोकोकल वैक्सीन लांच की जा रही है। न्यूमोकोकल वैक्सीन जन्म से एक साल की उम्र तक के बच्चों को तीन डोज इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी। पहला इंजेक्शन बच्चे के डेढ़ महीने का होने पर पेंटा-1 के साथ, दूसरा साढ़े तीन माह पर और तीसरा एमआर (खसरा और रूबेला के टीके) के साथ बच्चे के नौ माह के पूरा होने के बाद दिया जाएगा। जिलास्तर पर इसके लिए सारी तैयारियां की गई हैं।

हालांकि इस टीके को 2019 के अंत में लॉन्च करने की योजना थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह योजना टाल दी गई। जरूरतमंद पालक इस दिन का इंतजार लंबे समय से कर रहे थे क्योंकि बाजार में इस टीके कीमत लगभग 2,200 रुपये तक प्रति डोज है। कई पालक आर्थिक कारणों से इस टीके को नहीं लगा पाते थे लेकिन अब जिले के सभी बच्चों के लिए निमोनिया का यह टीका सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध रहेगा।

विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों को कोविड के दौरान निमोनिया जैसे संक्रमण से बचाने को यह कवच का काम करेगा। शासन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के समस्त जिला टीकाकरण अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा करते हुए तैयारी करने के निर्देश दे दिए हैं।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. भानू पटेल ने बताया, “निमोनिया वैक्सीन को लगाने के लिए जरूरी ट्रेनिंग ब्लॉक स्तर तक दे दी गई है। हमारी पूरी तैयारी है बस शासन से निर्देश मिलने का इंतजार है। डॉ. पटेल ने बताया, इस समय देश व प्रदेश के लाखों बच्चे केवल निमोनिया की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। इसलिए नियमित टीकाकरण में पीसीवी न्यूमोकोकल को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। सरकारी चिकित्सालयों में इस वैक्सीन की पहली डोज के साथ शुरू किया जाएगा। इस टीके के आ जाने से निमोनिया, सर्दी, जुखाम, मस्तिष्तक बुखार को रोका जा सकेगा। न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) जल्द ही नियमित टीकाकरण में शामिल होगी। जिले में हर साल 2,400 बच्चे जन्म लेते हैं इस लिहाज से यहां वैक्सीन की किल्लत नहीं होगी। 1 साल तक के बच्चों को यह वैक्सीन तीन चरणों में लगाया जाएगा”।

क्या होता है निमोनिया और लक्षण
निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह मुख्य रूप से बैक्टीरिया स्ट्रेपटोकॉकल न्युमोनी के कारण होता है। इसके साथ निमोनिया दवाओं और अन्य बीमारियों के संक्रमण से भी हो सकता है। निमोनिया के कारण अपर फ्लू जैसे लक्षण महसूस होते हैं। यह लक्षण धीरे-धीरे या फिर तेजी से विकसित हो जाते हैं।

इसका मुख्य लक्षण खांसी, कमजोरी और बच्चा थका हुआ महसूस करता है। बुखार के साथ पसीना और कंपकंपी होती है। सांस तेज चलती है या सांस लेने में कठिनाई होती है। इसके अलावा भूख भी नहीं लगती है। अब तक टीकाकरण में निमोनिया से बच्चों को बचाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं थी। अब न्यूमोकोकल वैक्सीन नियमित टीकाकरण में जल्द ही शामिल हो जाएगी। नौ माह तक के सभी बच्चों में यह टीके लगाए जाएंगे।

टीके की 2,200 खेप मिल चुकी है : डॉ भानू पटेल
दो साल तक के बच्चे निमोनिया की चपेट में जल्दी आते हैं। बच्चों को इससे बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जल्द ही निमोनिया के टीकाकरण की शुरुआत कर रहा है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआइओ) डॉ. भानू पटेल ने बताया,  “जिलों में अभी तक यह टीका सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं था। यथाशीघ्र  इसकी शुरुआत होने वाली है। जिले को निमोनिया के 2,200  टीकों की  खेप मिल चुकी है, जिसे पीसीबी कहा जाता है। बच्चों को पहली डोज 1.5 माह पर, दूसरी 3.5 माह पर और तीसरी बूस्टर डोज नौ माह की आयु में दी जाती है। मगर 1.5 माह से अधिक आयु के बच्चे को यह टीका नहीं लगाया जाएगा क्योंकि उन्हें पहली डोज नहीं दी गई थी। 

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Amit Mishra - Editor in Chief
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