बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) पूर्व राजस्व मंत्री ने न्यायधानी को भू-माफियों का राजधानी बताया है। उन्होने राज्य सरकार पर भू-माफियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया। अमर अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पर भी निशाना साधा। उन्होने कहा कि एक तरफ सरकारी योजनाओं के लिए जमीन नहीं है। दूसरी तरफ राजस्व मंत्री जमीन का बंदरबांट कर रहे है। भू-माफियों ने एसबीआर कालेज की जमीन को भी नहीं छोड़ा है। जमीन माफियों और सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ कोर्ट से लेकर सड़क की जंग लड़ेंगे।
पूर्व राजस्व मंत्री अमर अग्रवाल ने सरकार पर जमीन माफियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। अमर ने कहा कि बिलासपुर अब भू-माफियों की राजधानी बन गयी है। ऐसा बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है।
अमर ने कहा कि बिलासपुर में सोची समझी रणनीति के तहत जमीन को विवादास्पद बनाया जाता है। इसके बाद अधिकारियों के संरक्षण में जमीन को हड़प लिया जाता है। यह सब कुछ नियम कानून को ताक पर रखकर राजनीति के दबाव में होता है। विभाग प्रमुख होने के कारण राजस्व मंत्री भी जिम्मेदार हैं। अमर ने कहा कि कल तक जमीन को अचल सम्पत्ति माना जाता है। लेकिन बिलासपुर में जमीन उड़ती है। यह सब कुछ राजनीतिक के दबाव में अधिकारी लोग कर रहे है। अमर ने बताया कि चारो तरफ अवैध प्लाटिंग हो रही है। कहीं भी कालोनाइज एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है। बिल्डर ईडब्लूएस की जमीन को सरकारी जमीन में बैठाकर बेच रहे हैं,पूर्व राजस्व मंत्री ने कहा कि पीछे की निजी जमीन किलोमीटर हवा में उड़कर सामने आ जाती है। इतना ही नहीं दशकों से विवादहीन जमीन को विवादित बनाकर जमीन मालिक को बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मतलब भू-माफियों के लिए अधिकारी 10 प्रतिशत की माण्डवाली कर रहे हैं। प्रशासनिक संरक्षण में मकान बेदखली का खेल चल रहा है।
जमीन माफिया, बिल्डर निस्तार पत्रक की जमीन को भी बेच रहे हैं। लोग परेशान हैं। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। होगी भी नहीं क्योंकि यह सब खेल राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण में हो रहा है।
सवाल जवाब के दौरान अमर ने बताया कि एसबीआर कालेज की जमीन को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण में हड़पने की लगातार साजिश चल रही है। फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन को हथियाया जा रहा है। मामला कोर्ट में है। हम बच्चों के खेल मैदान को भू-माफियों के हाथ में जाने नहीं देंगे। अभी तक कालेज प्रशासन से इस मुद्दे को उठाया नहीं गया ना ही कोई अभी तक सामने ही आया है। समझ सकते हैं कि कितना राजनीतिक दबाब है। हम इस मुद्दे को लेकर कोर्ट से सड़क तक लड़ेंगे। अमर ने कहा कि अपोलो की जमीन ढाई किलोमीटर दूर सरकारी जमीन पर बैठायी गयी है। मुद्दे को हम गंभीरता से ले रहे हैं। अमर ने कहा कि राधिका विहार के पास स्थित सरकार जमीन पर गायब नीजि जमीन को कहीं से उड़ाकर लाया गया है। साथ ही उन्होने सरकार की जमीन बेचने की योजना पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होने कहा कि यह योजना अपनों को लाभ पहुंचाने और इस बहाने खाली सरकारी कोष को भरने के लिए लाया गया है। बावजूद इसके आज भी कोष खाली है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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