बिलासपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज़ ) मुंगेली जिले के अंतर्गत ब्लाक लोरमी के सेमरिया स्थित ब्रम्हांनंद मौर्य सॉ मिल से लोरमी वन विभाग ने 3 दिन पहले छापेमारी कर दो ट्रक इमारती लकड़ी जप्त किया है, कार्यवाही को रोकने का प्रयास विधायक कर रहें है, रोकने के पीछे उनके ही पार्टी के पूर्व नगर पालिका लोरमी उपाध्यक्ष रहे बादल मौर्य का ही कारनामा बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व नगर पालिका के उपाध्यक्ष बादल मौर्य लकड़ी के कारोबार में लिप्त है लोरमी से 8 क़ि. मी. दूर सेमरिया में आरा मिल संचालित करते है और एटीआर का जंगल लगा हुआ है, लोरमी रेंजर निखिल पैकरा ने 3 दिन पूर्व ही छापा मार कर 2 ट्रक इमारती लकड़ी जिसमें सागौन , शीशम ,साल और अन्य अप्रमाणिक लकड़ी बरामद कर रेंजर दफ्तर में रखा गया है। जब वायरलेस न्यूज़ ने रेंजर से मोबाइल पर बात की तब उन्होंने इतना भर स्वीकार किया कि हाँ हमने दो ट्रक इमारती लकड़ी जप्त किया है और जांच की जा रही हैं उसके बाद ही बता पाऊंगा।
इधर उक्त सम्बंध में मुंगेली के डीएफओ श्री दुबे ने बताया कि हमने लोरमी के आरा मिल मालिक ब्रम्हा नंद मौर्य के यहाँ से कुल 13 गहन मीटर सागौन , साल बीजा,शीशम और कुछ जलाऊ लकड़ी बरामद की है जिसकी कीमत 2 लाख से ऊपर की बताई जा रही है आगे जांच जारी है लेकिन वह अपराध के तहत 19 ता. को पी यू आर काटी जा चुकी है। जबकि जो लकड़ी बरामद की गई है उसकी कीमत लगभग साढ़े सात लाख बताई जा रही है ? वन विभाग और प्रत्यक्ष दर्शी के आंकलन में अंतर के पीछे की गणित कुछ समझ से परे है।
सूत्रों से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि लोरमी विधायक डीएफओ मुंगेली के लगातार संपर्क में है यह भी सोचने वाली बात है कि जब 3 दिन पहले दो ट्रक लकड़ी जप्त की गई है तो अभी तक छापे की जानकारी को क्यों उजागर नही किया जा रहा है कहीं उसे दबाने का प्रयास तो नहीं था ?
लोरमी सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि बिलासपुर के अखबार में खुड़िया की खबर जो प्रकाशित की गई है वह भी विधायक के इशारे पर दबाव बनाने का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे एसडीओ दबाव में आकर इस केश को कमजोर कर दे ,अन्यथा खुड़िया का मामला विधानसभा में उठाने का दबाव बनाया जा रहा है।
सबसे मजेदार बात तो यह है कि दो ट्रक लकड़ी जप्ती का खेल छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मो. अकबर को भी है और लगातार इसपर नजर बनाए हुए है, पल -पल की खबर लोरमी के कांग्रेसियों से वे ले रहे हैं। अब देखना होगा कि ये खेल किस करवट में जा बैठता है, ये आने वाला वक्त ही बताएगा।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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