रायपुर. (वायरलेस न्यूज़ ) 25 हजार वॉट की ओएचई केबल से चिपककर आरपीएफ के एक प्रधान आरक्षक की दर्दनाक मौत हो गई. आरक्षक डब्ल्यूआरएस आरपीएफ पोस्ट में पदस्थ था, आरक्षक का नाम पीके सोनी था.आरपीएफ के सूत्र बताते है कि कुछ दिनों पहले ही उक्त आरक्षक की प्रधान आरक्षक के पोस्ट में पदोन्नति होने के बाद पोस्टिंग हुई थी. आरक्षक को उनके एक उच्च अधिकारी ने टैंक के ऊपर चढ़कर सील चेकिंग के आदेश दिए थे. जिसके बाद उक्त प्रधान आरक्षक चंद दिनों पहले रात में अपनी ड्यूटी करने ऊपर चढ़ा और मोबाइल से फोटो खिंचने लगा.इसी दौरान 25 हजार वॉट की बिजली के तार ने उसे खिंच लिया और वे 70-80 प्रतिशत तक जल गए. हादसे के बाद उन्हें डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से उसे रायपुर के एक अन्य निजी अस्पातल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मौत के बाद इस मामले में पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.पता चला है कि इस बात की जानकारी बिलासपुर के उच्च अधिकारी को लगी तो काफी नाराज बताया जा रहा है। कराने के आदेश जाने वाले अधिकारी से नाराज है और अब इस पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है. लेकिन अब तक अधिकारियों ने इस मामले को दबाकर रखा था और अब भी इस मामले में लिपापोती जारी है. पूरे मंडल के उच्च अधिकारी पूरे मामले की जांच करने के बाद ही अधिकृत रूप से बयान देने की बात कह रहे है.सूत्र बताते है कि उक्त आरपीएफ स्टॉफ 2006 बैच का था और पिछले 5 वर्षों से रायपुर पोस्ट में पदस्थ था. चंद दिनों पहले ही उसकी पोस्टिंग हुई थी. रायपुर पोस्ट में पदस्थ रहने के दौरान वे कई वर्षों तक टास्क टीम में भी शामिल था और कई चोरों को उक्त आरक्षक ने गिरफ्तार भी किया था.
WRS पोस्ट के आरक्षकों के पास है राज
मृतक आरपीएफ स्टॉफ पीके सोनी
सूत्र बताते है कि डब्लूआरएस पोस्ट के आरक्षको के पास ये राज मौजूद है, जिसमें उच्च अधिकारी ने उन्हें उपर चढ़कर सील चेकिंग करने का आदेश दिया था. सूत्र बताते है कि पूरे भारतीय रेलवे में गाड़ी के ऊपर चढ़कर सील चेकिंग करने का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन अधिकारियों के सामने अपने नंबर बढ़वाने के लिए आरपीएफ के अधिकारी ने ऐसा आदेश दिया था. अब अमला ये जांच कर रहा है कि ये आदेश लिखित में था या मौखिक ? लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है कि इस मामले की इमानदारी से जांच होगी. क्योंकि मामला बड़े अधिकारी का है तो उसे बचाने में अमला जुट गया है. लेकिन बिलासपुर रेंज के अफसर इस घटना से नाराज बताए जा रहे है.जिस अधिकारी ने दिया आदेश उसे विभाग ने चोरी के मामले में किया था सस्पेंड।
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