रायगढ़ (वायरलेस न्यूज़) -भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कल बरमकेला तहसील के आगे आत्महत्या करने वाले किसान बैरागी मिरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।हमारे संविधान में न्याय पालिका को सर्वोच्च स्थान दिया है और जब उसी न्याय पालिका के आगे हमारा कोई अन्नदाता भ्र्ष्ट प्रशासनिक व्यवस्था से तंग आकर आत्महत्या करने को मजबूर हो जाए इससे बड़ी अनीति नही हो सकती। मेरा उद्देश्य किसान की मौत पर राजनीति करने का बिल्कुल नही है पर यदि कोई किसान तहसील कार्यालय पेशी में आता है और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होता है तो यह विचारणीय है कि शासन स्तर में उसके साथ कितने अन्याय हुवे होंगे।कोई भी व्यक्ति कितना दबाव में आकर आत्महत्या करने को मजबूर होता है यह हम सबके लिए सिर्फ एक चर्चा का ही विषय बनकर रह जाता है पर आज मैं पूछना चाहता हूं हमारे जिले के चारों विधायक एवं एक मंत्री जी से की क्या इसी दिन के लिए जनता ने आपको अपना प्रतिनिधि चुना था क्या किसान की मौत से आपका हृदय नही पसिचा।मरने वाला तो मर गया पर उसके परिवार की स्थिति जाकर देखिए कि एक कमाऊ सदस्य जब असमय छोड़कर जाता है उसकी पीड़ा क्या होती है।जिन किसानों ने आपको दोनों हाथों से आशीर्वाद देकर सत्ता के सिंहासन में बैठाया आज वो ही आपके राज में आत्महत्या करने को मजबूर है इससे घृणित बात आपके लिए और क्या हो सकती है।स्वर्गीय बैरागी मिरी की मौत ने आज यह तो बता दिया कि आपके कार्यालयों में आवेदकों की स्थिति क्या है एक छोटे से भी काम के लिए लोगों को बेवजह दौड़ाया जाता है कल आना परसों आना ,देख लेंगे ,कर देंगे बस आवेदकों को इन्ही शब्दों से दो चार होना पड़ रहा है।जिस समय किसानों को अपने खेत मे होना चाहिए उस समय उनसे कार्यालयों का चक्कर कटवाएंगे तो किसी का भी सब्र का बांध टूट जाए।आज भुपेश सरकार में किसानों की स्थिति किसी से छिपी नही है अरे जब अन्नदाता ही आपके राज में खुश नही तो आम जनता की कौन पूछे।मैं इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करता हूँ एवं दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने के लिए प्रशासन जल्द कार्यवाही करे एवं इनके परिवार जनों को सरकार 1 करोड़ रुपये मुआवजे में दे।