किशोर कर, महासमुंद

महासमुन्द – पूर्व विधायक व भाजपा नेता डॉ.विमल चोपड़ा ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए सरकार और जिला प्रशासन के रवैय्ये को देखते हुए कहा कि किसानों के धानें को लेकर न सरकार गंभीर है और न ही जिले के राजस्व का अमला, किसान कल्याण को लेकर तहसील, एसडीएम, कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं लेकिन किसानों की परेशानियों से किसी को कुछ लेना देना नहीं है। चोपड़ा ने कहा कि महासमुंद के सत्तासीन जनप्रतिनिधि सत्ता के मद में मस्त है किसानों की समस्याओं से उनका को सरोकार नहीं है। वहीं सत्ता पक्ष के लोगों ने यहां के एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी को छूट दे रखी है। सरकार की बिलकुल भी मनसा नहीं है कि वह किसानों के फसल को समय पर ले। पूर्व विधायक डॉ.विमल चोपड़ा ने कहा कि कलेक्टर के निर्देश के बावजूद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा किसानों के प्रकरणों में रूचि नहीं लिया जा रहा है।अपने मातहत अधिकारियों के साथ बैठकर समस्या का निपटारा करने के बजाय कार्यालय से नहरत रहती है।
जनप्रतिनिधियों के साथ उपेक्षात्मक व्यवहार किया जा रहा है। किसान इस वर्ष वनाधिकार बंधन सिचाई विभाग की जमीन पर खेती करने वाले, मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर धान पैदावार करने वाले, जिले के दो ब्लॉक में खेती करने वाले, बैंको या अन्य संसाधनों से कर्ज लेकर लगातार कर्ज पटाने वाले किसान, जमीन के लिए बीस-पच्चीस साल बाद ऑन लाइन में पूर्व के मालिक का नाम बताए जाने वाले किसानों, गिरदावरी के नाम पर रकबा कटे जाने वाले किसान, रकबा कम चढाई जाने वाले किसान, आनलाइन लिख जाने वाले किसान परेशान होने के साथ ही उनका परीक्षण प्रशासनिक स्तर पर नहीं है। हो रही है साथ ही पटवारियों द्वारा हजारों रुपए के बारे में कार्य किया जा रहा है, रुपए नहीं देने पर काम को लटकाये जाने सहित अन्य आरोप पूर्व विधायक विमल चोपड़ा ने लगाये हैं। पूर्व विधायक चोपड़ा ने आगे कहा कि भाजपा द्वारा अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालय में लगातार जन अदालत लगाकर किसानों और आम जनता की राजस्व संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। शासन द्वारा भगवान भरोसे छोड़े गए किसानों को इस जन आंदोलन से भारी राहत मिलने की बात कही है। श्री चोपड़ा ने कहा कि सरकार अब हांप रही है और उसके पास विकास के लिए पैसा ना किसान के लिए पैसा है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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