रायगढ़ (वायरलेस न्यूज़) – जिले मे दशकों से खराब सडकें जहां राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी से आवागमन के लिए बड़ी समस्या बन गई हैं तो सम्पर्क मार्गों से लेकर राष्ट्रीय व राजमार्गों की जर्जर हालत के पीछे निर्माण एजेंसी के साथ प्रशासनिक लापरवाही बराबर की जिम्मेदार है।यदि निर्माण के दौरानगुणवत्ता का वैज्ञानिक परीक्षण व सतत निगरानी की जाये तो समय से पहले सडकों को खस्ताहाल होने से बचाया जा सकता है।
उक्त बयान पूर्व नगर विधायक विजय अग्रवाल ने जिले के सभी सडक मार्गों की जर्जर हालत पर चिंता व्यक्त करते हुये दिये हैं।पूर्व विधायक विजय ने बताया कि जिले के सभी सड़कों के अलावा निगम क्षेत्र के सड़कों की भी जर्जर हालत अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। विजय ने कहा कि सरकार सड़कों के लिए केवल बजट स्वीकृत कर सब कुछ स्थानीय प्रशासन व निर्माण एजेंसी पर छोड़ देती है जो कदाचित पर्याप्त नहीं है।शासन को सड़कों के निर्माण के लिए फंड प्रस्तावित करने के अलावा कारगर नीति बनाने की नितांत आवश्यकता है ताकि विकास की आधारभूत शर्त पर सड़कों की गुणवत्ता कायम रह सके।पूर्व विधायक ने सड़कों की जर्जर हालत के फलस्वरुप घटित सड़क हादसों पर भी गहरी चिंता व्यक्त करते हुये जिम्मेदार अमले के प्रति नकारात्मकता जाहिर की।उन्होने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता व मरम्मत केवल अनुबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि प्रशासन की भी बराबर की जवाबदेही है। शहर समेत जिले के सभी मुख्य मार्गों व हाईवे की टूट फूट पर प्रभावित यातायात व सड़क जनित दुर्घटनाओं के लिए निर्माण एजेंसी,ठेकेदार व स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अमले पर भी बराबर की लापरवाही का जिम्मेदार मानकर कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता व्यक्त की ताकि सड़क निर्माण के लिए व्यय होने वाले शासन के बजट के सबसे ज्यादा फंड की सार्थकता साबित हो और आम जनता तथा व्यापारियों को सुगम परिवहन का आशातित लाभ मिल सके।पूर्व विधायक विजय भइया ने विकास की गति के सबसे बड़े माध्यम सड़कों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए राजनेताओं से भी दलगत भावना से ऊपर उठकर गतिरोध दूर करते हुये ठोस कार्ययोजना बनाकर जिले मे सड़कों की तमाम लंबित परियोजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण कराने की जरुरत व्यक्त की है।