बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) छत्तीसगढ़ की नयाधानी जिसे संस्कारधानी भी कहा जाता है सिंधी समाज के इष्टदेव भगवान झूलेलाल का तीर्थ स्थल झूलेलाल मंदिर सिंधु अमरधाम आश्रम में प्रथम बार मुंडन संस्कार का आयोजन किया गया 15 अक्टूबर शुक्रवार दशहरे के दिन
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख दास जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित करके की गई कार्यक्रम शाम 5:00 बजे आरंभ हुआ 7:00 बजे समापन हुआ
पप्पू शर्मा महाराज जी के द्वारा विधि विधान के साथ पूजा कराई गई पूजा के बाद मंदिर में सिद्ध कुंआ के पास सभी माता-पिता व पालक जनों ने अपने अपने बच्चों को गोदी में उठा कर रखा नाई के द्वारा सभी बच्चो का मुंडन किया गया
संत लाल साई जी ने अपनी अमृत वाणी में भक्तजनों को बताया कि मुंडन संस्कार का महत्व क्या होता है
हिंदू धर्म में सोलह संस्कार होते हैं जिनमें से एक मुंडन संस्कार भी है
हिंदू धर्म शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार बच्चे का बाल आरोग्य तेज को बढ़ाने और गर्भावस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए मुंडन संस्कार एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्कार है मुंडन
संस्कार करने के पिछे पौराणिक मान्यता है कि इससे बच्चे के बुद्धि पुष्ट होती है और बौद्धिक विकास सही होता है
और हमारे सिंधी समाज में मुंडन नदी तालाब यहां मंदिर में होते हैं यह प्रथा सिंध से ही चली आ रही है क्योंकि हमारे इष्ट देव भगवान झूलेलाल हैं और वह जल के अवतार हैं इसीलिए जो भी शुभ कार्य होते हैं भगवान झूलेलाल के आशीर्वाद के बिना नहीं होते हैं और श्री झूलेलाल मंदिर में पवित्र तीरथ धाम है जहां पर सिद्ध कुआं स्थित है
और आज सभी बच्चों का मुंडन भी इसी कुंआ के पास ही हुआ
है
और आप सभी भक्त जनों को पता ही है कि इस कुंआ का जल कभी खराब नहीं होता वह कई दुख दर्द रोगों को दूर करता है
इस अवसर पर
स्वामी हरि गिरि महाराज दरबार रायपुर के गद्देशिन संत रामचंद वाधवा जी विशेष रुप से मंदिर पहुंचे सभी बच्चों को आशीर्वाद दिया संत लाल साई जी के द्वारा सभी बच्चों को लोरी दी गई


छोटी छोटी गईया छोटे छोटे हैं हाथ छोटो सो मेरो नंद गोपाल
लोरी लोरी लाल लोरी
आश पूरी किन्य मुहंजे झूलेलाल जिए मुहंजो बछड़ों
जिए मुहनजो लाल
कार्यक्रम के आखिर में सभी बच्चों को लाल साई जी के द्वारा पखार पहनाई गई वह सगुन के रूप खर्ची दी गई आशीर्वाद दिया गया
आज के इस मुंडन संस्कार में
बिलासपुर चकरभाठा और रायपुर के बच्चे शामिल हुए
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति चकरभाटा बिलासपुर भाटापारा रायपुर तिल्दा दुर्ग भिलाई रायगढ़ के सभी सेवादारियो का सहयोग रहा
विजय दुसेजा
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