घरघोड़ा _(वायरलेस न्यूज़)

घरघोड़ा से वन अनुभाग कार्यालय से महज पांच किलोमीटर दुर छोटे गुमड़ा गांव के पास पानी की तलाश में वस्क साम्हर छोटे से बावली नुमा कुआं में जा गीरा जिसके सुबह छः बजे के आसपास की यह घटना है, साम्हर गिरने के बाद निकलने के प्रयास में चिहाड़ मारने लगा जिसको सुन गांव वाले वहां पहुंचे और वन विभाग को सुचना दी, लोगों के जमघट के कारण साम्हर डर कर असहज होने लगा जिससे वह बार बार बाहर निकलने के प्रयास से चोटील होने से नही बच सका, गांव के वरिष्ठ बुद्धिजीवी लोगों ने कुछ देर तक लोगों को पास जाने रोके रका पर धन्य है वन के अधिकारियों का चार घंटे होने के बाद भी नहीं पहुंच सके जिसके कारण लोगों का हुजूम बढ़ने लगा ना वनपाल पहुंचा ना वन रक्षक? पानी कम होने से साम्हर बहुत देर तक खड़ा रहा पर लोगों के लिए मनोरंजन साधन बना वन्य जीव की जान के साथ मज़ा लेने में कोई कहां रूकता लगभग दो सौ किलो का हस्ट पुष्ट साम्हर लोगों के आवाज और तालियां से घबराकर मौत के जाल से निकल कर दुर अपने आशियाने जंगल में जाने के प्रयास में लगा रहा. आज एक ओर इस तरह के दुर्लभ वन्य प्राणियों की संख्या ना के बराबर है सरकार हजारों करोड़ रूपए इनके देख रेख संरक्षण में हर वर्ष खर्च करती है, वहीं दुसरी ओर अधिकारी के लापरवाही और ग्रामीणों के ग़लत व्यवहार के कारण बेगुनाह साम्हर की जान चली गई. गांव के वरिष्ठ जन प्रतिनिधियों का कहना है गांव से बार बार फोन करने के बाद भी वन अमला के अधिकारी पहुंच पाए ना कर्मचारी इसके बाद थाने में सुचना कर गांव के लोगों ने खुद से जेसीबी की व्यवस्था कर ली थी पर कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं होने से जेसीबी खड़ी रही. जब दो तीन घंटे गुजरने के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव विडियो बनाकर अधिकारियों की ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया परन्तु ना कोई बड़ा जनप्रतिनिधि पहुंचा ना कोई अधिकारी सिर्फ आ रहें हैं बोल दिया हूं कह कर टालते रहे जिसके कारण साम्हर की सांस फुलने लगी और बार बार उछल कुद करने से पानी मुंह नाक में घुसने लगा अब यह तो पोस्ट माडम से बता चलेगा मौत का कारण क्या है पर छः बजे से गिरा साम्हर को दो तीन बजे निकालने पहुंचे अधिकारियों को शर्म आनी चाहिए जबकि वह मस्त स्वस्थ था विडियो में आप सब देख सकते हैं। गांव वालों ने बताया की यह सिर्फ वन विभाग के अधिकारियों की गैरजिम्मेदाराना रवैया के कारण मौत हुई है। अगर इसकी जांच होती है तो हम निश्चित ही शासन प्रशासन का सहयोग करेंगे हमारे पास साक्ष्य है विडियो किल्प है, सैकड़ों गवाह है फोन काल्स का रिकार्ड है निश्चित ही इसमें कार्यवाही होनी चाहिए और आने वाले समय में इस तरह की लापरवाही कोई ना करें इसकी चिंता वन्य जीव संरक्षण करने वालों को आगे आने की जरूरत है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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