रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक एवं एडिशनल कलेक्टर ए आर कुरुवंशी ने भूख हड़ताल पर बैठे अधिवक्ताओं को जूस पिलाकर खत्म कराया भूख हड़ताल

रायगढ़ (वायरलेस न्यूज़)। अधिवक्ता संघ रायगढ़ का आंदोलन एवं राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार आखिरकार 72 दिन बाद स्थगित कर दिया गया। आंदोलन के स्थगन के लिए लगातार शासन एवं जिला प्रशासन की ओर से अधिवक्ता संघ एवं संघर्ष समिति के साथ सौहार्दपूर्ण चर्चा चल रही थी। अधिकांश मांगों को पूरा कर दिए जाने एवं कुछ लंबित मांगों को शीघ्र ही पूरा किए जाने के आश्वासन पर अधिवक्ता संघ की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन को सशर्त स्थगित कर दिया गया, और यह कहा गया कि लंबित मांग पूरा नहीं होने की दशा में अधिवक्ता संघ पुनः इससे भी ज्यादा उग्र आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगा।

प्रदेशभर के अधिवक्ताओं का रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने जताया आभार

रायगढ़ अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने बताया कि रायगढ़ के तहसील कार्यालय में 11 फरवरी को हुई घटना के बाद कुछ अधिवक्ताओं पर झूठा एफ आई आर कर दिया गया था। इसके विरोध में न केवल रायगढ़ अधिवक्ता संघ बल्कि पूरे प्रदेश के अधिवक्ता संघ एकजुट हो गए थे। राज्य अधिवक्ता संघ एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया का भी समर्थन प्राप्त हुआ था। 11 फरवरी से लगातार यह आंदोलन रायगढ़ से शुरू होकर प्रदेश व्यापी आंदोलन का रूप ले लिया था। सभी जिला एवं तहसील मुख्यालयों में राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार करते हुए न केवल धरना प्रदर्शन बल्कि विरोध स्वरूप रैलियां भी निकाली गई। गलत f.i.r. एवं राजस्व न्यायालयों में कर्मचारी संघ की ओर से दफ्तर बंद कर दिया जाने को अनुचित ठहराते हुए अधिवक्ता संघों की ओर से माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में रिट भी फाइल की गई। इस आंदोलन के क्रम में जहां जगह जगह भ्रष्टाचार के पुतले जलाए गए वहीं हाई कोर्ट कैंपस में भी भ्रष्टाचार का पुतला दहन किया गया जो हाई कोर्ट के इतिहास की पहली घटना बनी।राजधानी रायपुर में भी प्रदेश भर के अधिवक्ताओं ने अपना दम दिखाते हुए वहां भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध रैली निकाली गई और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। वहां से लौटकर रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने भूख हड़ताल शुरू किया जो 18 दिन तक चला । 23 अप्रैल को रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक एवं जिला प्रशासन की ओर से एडिशनल कलेक्टर ए आर कुरुवंशी जिला न्यायालय रायगढ़ के सामने चल रहे भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचकर वहां हड़ताल पर बैठे अधिवक्ताओं को जूस पिलाकर हड़ताल समाप्त कराया गया। इस प्रकार प्रदेश में अधिवक्ताओं का सबसे लंबा चलने वाला यह आंदोलन कुछ समय के लिए सशर्त स्थगित कर दिया गया है, यदि लंबित मांगें शीघ्र ही पूरी नहीं होती हैं तो यह आंदोलन एक बार फिर दुगुनी ऊर्जा के साथ शुरू हो जाएगा।

संघर्ष समिति के अध्यक्ष सीताराम जाटवर ने कहा यह अधिवक्ताओं की जीत है

संघर्ष समिति के अध्यक्ष सीताराम जाटवर ने इस आंदोलन को सभी अधिवक्ताओं की जीत बताया है और सभी अधिवक्ताओं का आभार जताया है। अधिवक्ताओं के पूरे आंदोलन को संचालित करने के लिहाज से शुरुआत में सीनियर एडवोकेट एवं रायगढ़ अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष विष्णु सेवक गुप्ता को आंदोलन समिति का अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन बाद में संघर्ष समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद संघर्ष समिति को आम सभा के माध्यम से भंग कर दिया गया था और दूसरी संघर्ष समिति गठित की गई जिसके अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट एवं रायगढ़ अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष सीताराम जाटवर को बनाया गया। इनके नेतृत्व में जब आंदोलन की रूपरेखा तय की गई तो रायपुर में अधिवक्ता संघ की महारैली निकाली गई । इसके बाद रायगढ़ में क्रमिक भूख हड़ताल शुरू किया गया । अधिवक्ताओं के इस नए रूप को देखकर सरकार और जिला प्रशासन की ओर से आंदोलन को समाप्त करने की दिशा में अधिवक्ता संघ की अधिकांश मांगों को पूरा कर दिया गया और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित कुछ अन्य मांगों को पूरा करने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू करते हुए इन मांगों को शीघ्र ही पूरा करने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद इस आंदोलन का सुखद स्थगन कर दिया गया।

मानसून सत्र में पेश किया जाएगा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का बिल

विधायक प्रकाश नायक ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के स्तर पर यह बात तय की जा चुकी है कि मानसून सत्र में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का बिल रखा जाएगा और इसे मंजूर करते हुए प्रदेशभर के अधिवक्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी क्योंकि यह मांग मंत्रिमंडल में बिल मंजूरी के बाद ही पूरा हो सकता है। इस लिहाज से अधिवक्ता संघ की ओर से शासन और प्रशासन की ओर से आए हुए आंदोलन को स्थगित करने के प्रस्ताव पर विचार करते हुए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया।

तहसीलदार नायब तहसीलदार सहित थोक में कर्मचारियों का तबादला

रायगढ़ अधिवक्ता संघ की ओर से अपनी प्रमुख मांगों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित कई कर्मचारियों का स्थानांतरण करने की बात कही गई थी जो पूर्व में शासन स्तर पर पूरी कर दी गई और पूर्व एवं वर्तमान में कलेक्टर भीम सिंह की ओर से अधिकांश कर्मचारियों का तबादला करते हुए शेष बचे कर्मचारियों का तबादला शीघ्र ही करने का आश्वासन दिया गया है।

अधिवक्ताओं पर किए गए f.i.r. की वापसी प्रक्रिया शुरू

तहसील कार्यालय में कथित घटना के बाद 5 अधिवक्ताओं पर झूठा f.i.r. कर दिया गया था जिसके वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। शासन स्तर पर बातचीत होने के बाद विधायक प्रकाश नायक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर जनहित में इस मामले को वापस लेने के लिए कहा है। अधिवक्ता संघ को यह आश्वासन दिया गया है कि अधिवक्ताओं पर दर्ज किया गया यह मामला हर हाल में वापस लिया जाएगा, जिसके बाद आंदोलन को स्थगित करने पर सहमति बनी है।

रिस्टोर होंगे सभी खारिज किए गए मुकदमें

72 दिन तक चलने वाले अधिवक्ता संघ के इस महा आंदोलन के दौरान राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार कर दिया गया था । पूरे प्रदेश भर में चले इस आंदोलन में यह भी देखा गया कि कुछ तहसील कार्यालयों में अधिवक्ताओं की अनुपस्थित पर उनके पक्षकारों के मुकदमे खारिज कर दिए गए । इस पर कलेक्टर रायगढ़ ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है कि ऐसे सभी मामलों को फिर से रिस्टोर करते हुए उन्हें चलाया जाए।

भ्रष्टाचार से निपटने बनाई गई है समिति

कलेक्टर भीम सिंह की ओर से इस आंदोलन के बाद एक समिति गठित की गई है जो भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उसकी जांच करेगी और भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित होने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा करेगी। साथ ही कलेक्टर भीम सिंह ने यह निर्देश भी जारी किया है कि राजस्व न्यायालय में लंबित मामलों का निपटारा तेजी से किया जाए और कार्यप्रणाली में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।

सोमवार से एक बार फिर गुलजार होंगे राजस्व न्यायालय

अधिवक्ता संघ की ओर से आंदोलन को स्थगित करने घोषणा के बाद इसका असर अब सोमवार से राजस्व न्यायालयों पर देखने को मिलेगा। 2 महीने से भी ऊपर चलने वाले इस आंदोलन के कारण राजस्व न्यायालयों के प्रकरण आगे नहीं बढ़ पा रहे थे जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही थी। सोमवार से अधिवक्तागण राजस्व न्यायालयों में पैरवी करने के लिए पहुंचेंगे और अब राजस्व न्यायालयों में पक्षकारों और अधिवक्ताओं की भरपूर मौजूदगी देखी जाएगी।