रायगढ़ (वायरलेस न्यूज़) इस मामले में जेएसपीएल प्रबंधन का कहना है कि औद्योगिक पार्क में पूर्व के समझौते के अनुरूप विद्युत आपूर्ति की जा रही है। विद्युत की दर का निर्धारण प्रदेश का विद्युत नियामक आयोग करता है। अभी तक दर का निर्धारण नहीं हो सका है, इसलिए आपसी समझौते में तय दर पर इंडस्ट्रीयल पार्क के उद्योगों को आपूर्ति करनी पड़ी। इन सब स्थितियों की वजह से लम्बे समय से रेगुलेटरी कमिशन, फिर दिल्ली स्थित अपटेल अथॉरिटी, प्रदेश के उच्च न्यायालय तथा सुप्रीम कोर्ट में वाद-विवाद चल रहा है। हाल ही में करीब दो महीने से अपटेल अथॉरिटी में चल रही सुनवाई में औद्योगिक पार्क के रायगढ़ इस्पात औद्योगिक संघ ( आरआईयूएस) ने यह लिखित में दिया है कि उन्हें समझौते की दर पर विद्युत लेना मान्य नहीं है। आरआईयूएस के इस इनकार और कोयले की अनुपलब्धता व लगातार बढ़ती कीमतों के कारण विद्युत आपूर्ति असंभव हो गई है। आरआईयूएस बढ़ी हुई दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए राज़ी नहीं है, फिर भी कंपनी रोटेशन प्रणाली के तहत सभी को विद्युत आपूर्ति का प्रयास कर रही है। कंपनी को इसका नुक़सान भी उठाना पड़ रहा है। इस समस्या के त्वरित समाधान के लिए जेएसपीएल ने प्रदेश के विद्युत रेगुलेटरी कमिशन में सभी न्यायिक प्रक्रियाओं के समाप्त होने तक और अंतिम विद्युत दर तय होने तक अंतरिम दर तय करने के लिए आवेदन भी दे दिया है। आयोग द्वारा तय दर और दिशानिर्देशों के पालन के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है। जिंदल स्टील एन्ड पॉवर लिमिटेड अपने विद्युत वितरण लाइसेन्स के दायित्वों को पूर्ण रूप से समझता है और उसे पूर्ण करने के लिए वचनबद्ध भी है। कंपनी छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए हमेशा से प्रयासरत रही है और भविष्य में भी यह क्रम जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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