माइनिंग टीम का कोयला डिपो पर धावा 60 को नोटिस अधिकारी कह रहे हैं सभी में मिली कुछ न कुछ गड़बड़ी पर अंदरखाने से आ रही जानकारी कुछ और बयां कर रही है

बिलासपुर : (वायरलेस न्यूज़) पिछले चार पांच दिनो तक लगातार कार्यवाही करने के बाद स्टेट माइनिंग टीम और अधिकारी अपने अपने ठिकाने लौट गए। चार जिलो में कोयला वाशरी और कोल डिपो में अधिकारियों की सात टीमों ने धावा बोला। जांच पड़ताल के बाद टीम ने उच्च अधिकारियों से जानकारी को साझा किया है। बुधवार को भी माइनिंग स्टेट टीम ने बिलासपुर माइनिंग अधिकारी की अगुवाई में जिले में स्थित कोल डीपो पर धावा बोला। कार्यवाही के साथ ही 60 से अधिक कोल डिपो संचालकों को नोटिस थमाया है। निश्चित दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश भी दिया है।

जानकारी देते चलें कि पिछले एक सप्ताह से स्टेट माइनिंग की सात टीम चार जिलों में स्थित कोल वाशरी और डिपो पहुंचकर लगातार कार्यवाही को अंजाम दी है। रायगढ़, कोरबा, जांजगीर चांपा और बिलासपुर स्थित कोल वाशरी में टीम के सदस्यों ने छानीबन किया है।

क्या वाशरी संचालक को कोयला बेचने का अधिकार है?

क्या सिर्फ वाशरी में कोयला को वास करना है!

क्या वाश करने के पश्चात 20% वेस्टेज में मिलावट करके बेचने का अधिकार है?

हम आपको बताते चलें कि क्या यह कमियां सिर्फ आज हुआ है क्या अभी तक माइनिंग विभाग सो रहा था इतने दिनों तक क्यों कोई जांच पड़ताल नही किया जाता रहा आज अचानक माइनिंग विभाग नींद से कैसे जाग गई है इसके पीछे का कारण आखिर क्या है।सब कुछ सही रहते हुए भी नोटिस जारी किया जाना क्या दर्शाता रहा है, कहीं चल रहे शिष्टाचार में इजाफा करना मुल कारण तो नहीं है एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ऊपर से आदेश है सब कुछ सही रहते हुए भी आपको कुछ न कुछ खामिंया निकाल कर कार्यवाही करना है। इसका मतलब साफ है जो शिष्टाचार ले रहे हैं उसमें इजाफा करने को कहा जा रहा है नही करने पर यह फर्जी कार्यवाही कर बंद कराया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पड़ोसी जिले कोरबा के सभी वाशरी लगभग बंद हो चुका है।अब बिलासपुर की बारी है !

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Amit Mishra - Editor in Chief
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