अर्थ ओवरशूट डे 28 जुलाई, इस साल हमने ये जैविक संसाधन 209 दिन में ही ख़त्म कर दिए ?

अर्थ ओवरशूट डे पढ़कर ऐसा लगता है कि जरूर ही हैप्पी बोलने का दिन है, पर नहीं, आज का यह दिन अनहैप्पी अर्थ ओवरशूट डे कहने का दिन है। अर्थ ओवरशूट डे क्या है? अर्थ ओवरशूट डे वर्ष की उस तारीख को बताता है जब मानव उन सभी जैविक संसाधनों को ख़त्म कर लेता है जो पृथ्वी पूरे वर्ष के दौरान पुन: उत्पन्न करती है। जैसे कि जीवाश्म इधन और सीमेंट निर्माण से निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को और विभिन कचरे को सोखने की क्षमता समाप्त हो जाना, एक वर्ष में दिए जाने वाले प्राकृतिक संसाधन जैसे टिम्बर और खाधान्न का समाप्त हो जाना, इत्यादि। इस साल हमने ये जैविक संसाधन 209 दिन में ही ख़त्म कर दिए।

पहली बार अर्थ ओवरशूट डे वर्ष 1970 में हुआ, तब पृथ्वी जो हमें एक वर्ष में देती थी, उसे पहली बार एक वर्ष के पहले खत्म कर दिया, तब यह दिन 30 दिसम्बर को आया था। इसके बाद तो हमारी खपत अंधाधुन बढ़ती गई, 1980 में 4 नवम्बर, 1990 में 11 अक्टूबर, 2000 में 23 सितम्बर, 2010 में 8 अगस्त, 2019 में 29 जुलाई, 2020 में 22 अगस्त (करोना के कारण), वर्ष 2022 को यह दिन 156 दिन पहले, आज 28 जुलाई को आ गया है।

अर्थ ओवरशूट डे के बढ़ते दिनों का मुख्य कारण है: मानव का लालच जिसके चलते हर प्राकृतिक प्रदत चीज की बेतहताशा खपत बढ़ गई, कम होते जंगलों से ग्रीनहाउस गैसों को वनों द्वारा न सोक पाना, बायोडायवर्सिटी का विनाश, मृदा अपरदन, मानव निर्मित अनेक कारण। आज मानव अपने अक्खड़पन, लालच, और शक्ति प्रदर्शन में उतने पारिस्थितिक संसाधनों का उपयोग कर रहा है जैसे कि हम पौने दो पृथ्वी पर रहते हों। इसके दुष्परिणाम हम जलवायु संकट और प्रदूषण के रूप में सह रहे है। वास्तव में आज दुनिया का सबसे दुर्भाग्यशाली दिवस है। जिन कारणों से यह अवधि कम हो रही है, हमें तत्काल उसे पलटना होगा, करोना वर्ष इसका उदाहरण है।

नितिन सिंघवी
(पर्यावरण प्रेमी)

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Amit Mishra - Editor in Chief
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