खरसिया। फेडरेशन का यह आंदोलन पूरे प्रदेश में लगभग 80 प्रतिशत सफल है और यह केवल विभिन्न कर्मचारी संगठनों से जुड़े आप जांबाज साथियों के कारण ही सम्भव हो पाया है। यदि जमीनी स्तर पर आप जैसे साथी सक्रिय नहीं रहेंगे केवल कर्मचारी नेतागण कुछ नहीं कर पाएंगे। आप लोग ही हमारी ताकत हो, आप लोगों के बिना हम अधूरे हैं।
उक्त बातें छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उप प्रांताध्यक्ष मनोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आयोजित आंदोलन के दसवें दिन खरसिया तहसील के पंडाल में विशेष रूप से उपस्थित होकर कही। उन्होंने आगे कहा कि शासन के तुगलकी आदेशों से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। जब तक हम सब एकजुट रहेंगे तब तक शासन हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। कोई भी कर्मचारी हड़ताल में जाना नहीं चाहता पर इस आंदोलन के लिए सरकार ने ही हमें मजबूर किया है। अगर सरकार पहले ही हमारी दोनों मांगों को मान लेती तो आज ये स्थिति निर्मित नहीं होती। श्री पाण्डेय ने कहा कि हमें अपनी मांग पूरी होते तक आंदोलन जारी रखना है और हमारी एकता के समक्ष सरकार एक दिन जरूर घुटने टेकेगी। उन्होंने सभी साथियों से इसी प्रकार हमेशा एकजुट रहने का आह्वान भी किया। उनके साथ शिक्षा विभाग से जुड़े जिला कार्यकारिणी के अमित श्रीवास्तव और बालकृष्ण यादव का भी खरसिया आगमन हुआ था।
गौरतलब है कि केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप मकान किराया भत्ता देने के अपने दो सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले राज्य के 100 से अधिक कर्मचारी संघों से जुड़े कर्मचारी-अधिकारी विगत 22 अगस्त से आंदोलन के चतुर्थ चरण के तहत अनिश्चित कालीन आंदोलन कर रहे हैं। खरसिया के कर्मचारी-अधिकारी भी इसी के तहत आंदोलनरत हैं। इस दौरान आंदोलन के दसवें दिन 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी होने के बावजूद कर्मचारियों ने धरना आंदोलन अनवरत जारी रखा। वे अन्य दिनों की तरह ही निर्धारित समय पर पंडाल में उपस्थित थे। माँ शारदे और छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा-अर्चना पश्चात दिनभर अनेक कर्मचारियों ने मंच से अपनी बात रखी। इसी दौरान छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उप प्रांताध्यक्ष मनोज पाण्डेय और उनके साथियों अमित श्रीवास्तव, बालकृष्ण यादव का खरसिया के पंडाल में आगमन हुआ जिनका खरसिया तहसील के फेडरेशन से जुड़े नेताओं ने स्वागत किया। अंत में नारेबाजी के साथ दसवें दिन का धरना आंदोलन समाप्त किया गया।
इस दौरान फेडरेशन से सम्बद्ध कर्मचारी संगठनों से जुड़े सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने श्री गणेश चतुर्थी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के दिन भी आंदोलन स्थल पर उपस्थित होकर न केवल अपनी एकता का प्रदर्शन किया बल्कि यह संदेश देने का भी प्रयास किया कि अभी हमारा हौसला कम नहीं हुआ है और जरूरत पड़ने पर हम अपनी जायज हक की लड़ाई लगातार लड़ते रहेंगे।
दिनभर चला संगीतमय भजन-कीर्तन
आंदोलन के दसवें दिन श्री गणेश चतुर्थी होने के कारण धरना पंडाल में दिनभर कर्मचारी साथियों द्वारा वाद्ययंत्रों के साथ संगीतमय भजन-कीर्तन किया गया। श्री गणेश वंदना से प्रारम्भ भजन कार्यक्रम के दौरान कलाकार कर्मचारियों ने अनेक भजनों की प्रस्तुति भी दी।
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