बिलासपुर (वायरलेस न्यूज) –
नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार शशिकांत कोन्हेर
मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया
तेरा निजाम है सिल दे शायर की जबान
ये एहतियात बहुत जरूरी है इस बहर के लिए
कहकर व्यवस्था के विरोध में अपना तीव्र विरोध प्रदर्शन करने वाले शशिकांत कोन्हेर यह भी कहते हैं –
हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि सीरत बदलनी चाहिए
दुष्यंत कुमार त्यागी के इस शेर पर खरे उतरने वाले बिलासपुर क्षेत्र की पत्रकारिता में अपनी विशेष लेखन शैली से पहचान बनाने वाले और पत्रकारिता जगत में मील का पत्थर शशिकांत कोन्हेर का दुखद निधन पत्रकारिता जगत की कभी न भर पाने वाली क्षति है । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वरिष्ठ पत्रकार शशिकांत कोन्हेर का जाना पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है । अपने चालीस साल की पत्रकारिता में बिलासपुर का प्रथम दैनिक अखबार लोकस्वर से लेकर नवभारत, और सीसीएन न्युज चैनल के संपादक रह चुके हैं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का मुखर विरोध करने वालों में बिलासपुर से शशिकांत कोन्हेर का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा । आपने आपातकाल के दौरान 6 माह बिलासपुर के वर्तमान केन्द्रीय जेल में बिताए जहां बीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा आपने मीसाबंदी के रुप में दी और प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए और इसके बाद सदैव के लिए पत्रकारिता जगत से जुड गए और अपने अंतिम समय तक लिखते रहे । आपके द्वारा पत्रकारिकता में अनेक आयाम स्थापित किए गए जिससे हमेशा नव पत्रकारों ने प्रेरणा ग्रहण की । आपकी पत्रकारिता जगत में योगदान को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री छग डाक्टर रमन सिंह ने आपको कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का जनभागीदारी का सदस्य बनाया था । इसके अतिरिक्त इंद्रावती टाइगर रिजर्व का भी जनभागीदारी समिति सदस्य बनाया गया था । पत्रकारों के अधिकार के लिए पूरे जी-जान से जुट जाने वाले शशिकांत कोन्हेर दो बार बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष रह चुके हैं आपकी लेखनी ने सदैव कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार का विरोध किया । आपका लेखन और निडर पत्रकारिता हम सबके लिए हमेशा प्रेरणास्रोत का काम करता रहेगा
शहर के वरिष्ठ पत्रकार, बिलासपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष, लोकस्वर टीवी,लोकस्वर.in के पूर्व संपादक, शशिकांत कोन्हेर जी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार की शाम को अस्पताल में निधन हो गया। ज्ञात हो कि कोन्हेर पिछले कई वर्षों से अस्वस्थ चल चहे थे। हाल हीं में उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई थीं। जिसके चलते अस्पताल में उन्हें भर्ती रखना पड़ा था। डिस्चार्ज होने के बाद ऑक्सीजन की मदद से घर पर वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे।
शनिवार की शाम अचानक वे बेहोश होकर गिर गए,जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर उनका शरीर साथ नही दिया। सोमवार की शाम को डॉक्टरों ने वेंटिलेटर से बाहर निकालकर उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन से पत्रकार जगत,मीसाबंदी,आरएसएस सहित अन्य संगठनों में शोक की लहर है!
उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास चाटापारा कोन्हेर उद्यान से मंगलवार सुबह 10 बजे मुक्तिधाम सरकंडा के लिए रवाना होगी। भाऊ के निधन पर वायरलेस न्यूज नेटवर्क के संपादक अमित मिश्रा ने अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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